नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के बयान पर भाजपा और कांग्रेस में महाभारत शुरू हो गया है। कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मामले में लपेटने की कोशिश की है, तो भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूछा है कि जेटली बताएं कि माल्या को सुरक्षित रास्ता देने का फैसला खुद उनका था या फिर ऊपर के निर्देश पर ऐसा किया? राहुल ने कहा कि सरकार में सब कुछ मोदी नियंत्रित करते हैं और ऊपर का मतलब पीएम ही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तथ्यों से साफ है कि वित्त मंत्री को बताकर आर्थिक अपराधी माल्या लंदन भाग गया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री के कहने पर जेटली ने माल्या के खिलाफ लुक आउट नोटिस को नरम कराया। वित्त मंत्री ने अपराधी को देश छोड़कर भागने का सुरक्षित रास्ता मुहैया कराया।

गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने माल्या से खड़े-खड़े कुछ क्षणों के लिए मिलने के जेटली के बयान को झूठ करार दिया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री की बाकायदा 'सिट डाउन मीटिंग' हुई थी।



राहुल ने कांग्रेस सांसद पीएल पूनिया को प्रेस कान्फ्रेंस में बतौर गवाह पेश किया। इसमें पुनिया ने कहा कि एक मार्च, 2016 को संसद के सेंट्रल हॉल में विजय माल्या को उन्होंने अरुण जेटली से एक किनारे खड़े होकर अंतरंग बातचीत करते देखा। पांच-सात मिनट के बाद फिर दोनों में बैठकर बात हुई और यह वार्ता करीब 15 से 20 मिनट हुई होगी। पुनिया ने दावा किया कि संसद के सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई का पता चल जाएगा। उनकी बात गलत साबित हुई, तो वे राजनीति छोड़ देंगे।
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