नई दिल्ली I रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि राफेल डील को लेकर मोदी सरकार की ओर से हर प्रक्रिया का पालन किया गया है. रक्षा मंत्री के मुताबिक डील को लेकर सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया.
रक्षा मंत्री ने कांग्रेस से सवाल किया, ‘अगर यूपीए के कार्यकाल में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ डील को लेकर 95% बातचीत पूरी हो चुकी थी तो उस वक्त की सरकार ने बाकी 5% बचे काम को पूरा करने के लिए क्यों कदम नहीं उठाए. वो (कांग्रेस) बताएं कि उस बचे 5% के पीछे क्या राज था? किसने तब उन्हें डील के लिए आगे बढ़ने से रोका था.’
निर्मला सीतारमण ने एक अंग्रेजी अखबार में रक्षा मंत्रालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव के हवाले से छपी खबर को पूरी तरह गलत बताया. रक्षा मंत्री ने कहा कि पहली बात तो कैबिनेट ने अगस्त 2016 में राफेल डील को मंजूरी दी थी ना कि सितंबर में. सितंबर में समझौता हुआ था. रक्षा मंत्री ने कहा कि कीमत, टेक्निकल पहलुओं, क्वालिटी आदि पर प्रधानमंत्री फैसला नहीं लेते, इन सबके लिए अलग डेलीगेशन होते हैं जो तमाम चीजों पर गौर कर अपनी रिपोर्ट देते हैं.
रक्षा मंत्री के मुताबिक अखबार की रिपोर्ट में जिस तत्काल संयुक्त सचिव (एक्विजिसन मैनेजर) के हवाले से असहमति के नोट की बात की जा रही है तो उसके खुद मंजूरी के पत्र पर दस्तखत थे. रक्षा मंत्री ने ये भी कहा कि वो अधिकारी ट्रेनिंग के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स करने विदेश गए थे जो कि पहले से ही तय था.
Post A Comment:
0 comments so far,add yours