भोपाल : मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा के लिए बुधवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। 230 सीटों के लिए चुनाव परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे। लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए प्रयासरत भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पिछले 15 सालों में सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के क्षत्रपों कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की एकता है। हालांकि तीनों ही कांग्रेस से मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में परस्पर प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान इनकी एकजुटता ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर में ला दिया। वहीं बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी भी दोनों प्रमुख दलों को चुनौती दे रहे हैं।

इस चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। अगले साल आम चुनाव से पहले जिन पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं उनमें मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 29 लोकसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा में भी असर डालेंगे, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। चौहान के अलावा राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत केबिनेट के तमाम चेहरे चुनाव मैदान में हैं। 

कांग्रेसी दिग्गजों में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ‘राहुल’, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, सुरेश पचौरी और भाजपा छोड़कर होशंगाबाद से कांग्रेस के उम्मीदवार बने पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह का भविष्य दांव पर लगा है।


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