पश्चिम बंगाल I आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने शुक्रवार को राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सरकार ने राज्य में कानून के तहत शक्तियों के इस्तेमाल के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली।वहीं, रात में पश्चिम बंगाल सरकार ने भी जांच एजेंसी पर ऐसी ही रोक लगा दी। अब सीबीआई को दोनों राज्यों में जांच या कार्रवाई के लिए राज्य सरकारों से अनुमति लेनी होगी। गैर-एनडीए शासित अन्य राज्यों के भी ऐसा कदम उठाने के आसार हैं।
आंध्र के प्रधान सचिव (गृह) एआर अनुराधा की ओर से 8 नवंबर को इस संबंध में जारी एक ‘गोपनीय’ सरकारी आदेश बृहस्पतिवार रात ‘लीक’ हो गया। आदेश में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा-6 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार इस कानून के तहत शक्तियों और क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस लेती है।
राज्य सरकार ने अब सीबीआई की अनुपस्थिति में तलाशी, छापेमारी या जांच का काम एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से कराने का फैसला लिया है। आदेश में कहा गया है कि सीएम चंद्रबाबू नायडू के सीबीआई के दुरुपयोग के आरोपों के बाद यह कदम उठाया गया है।
नायडू ने किया सही काम : ममता
चंद्रबाबू नायडू ने राज्य में सीबीआई को प्रवेश की अनुमति नहीं देकर सही काम किया है। सीबीआई भाजपा के दिशानिर्देश पर काम कर रही है। - ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
भ्रष्ट लोगों की खुद को बचाने की कोशिश : भाजपा
देश में भ्रष्टाचारियों का गठबंधन है जो नायडू, ममता और राहुल गांधी जैसे लोग बना रहे हैं। ये लोग खुद किसी न किसी घोटाले, भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और सीबीआई उनकी जांच कर रही है। जांच एजेंसी पर रोक लगाना खुद को बचाने की कोशिश की है। - जीवीएल नरसिम्हा राव, भाजपा प्रवक्ता
कानूनी विकल्प पर करेंगे विचार : सीबीआई
आंध्र प्रदेश में पाबंदी पर राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। आदेश की सूचना मिलने के बाद कानूनी विकल्प पर विचार किया जाएगा। - सीबीआई प्रवक्ता
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