नई दिल्ली: चीन और म्‍यांमार के बीच एक समझौता हुआ है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि चीन क्याप्यू में एक पोर्ट प्रोजेक्‍ट पर काम करेंगे। म्‍यांमार में स्थित क्याप्यू रणनीतिक तौर पर काफी अहम है क्‍योंकि यह बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। चीन पहले से ही पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह बना रहा है। भारत के लिए इसे चिंता की बात बताया जा रहा है क्योंकि ये इलाका रणनीतिक रूप से काफी अहम है।

गौरतलब है कि भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट की लीज  99 साल के लिए चीन के पास ही है। इसके अलावा पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के माध्यम से भी चीन भारत पर दबाब बना सकता है। चीन भारत के पड़ोसी देशों में इन कदमों से घुसपैठ कर रहा है इसी सबको लेकर भारत के लिए ये कदम सही नहीं माना जा रहा है। 
मीडिया सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि परियोजना में चीन का निवेश 70 फीसदी वहीं म्यांमार का 30 फीसदी निवेश होगा।यह प्रोजेक्‍ट बेल्‍ट एंड रोड इनीशिएटिव का ही हिस्‍सा है। बताते हैं कि ये परियोजना वर्ष 2015 से अटकी हुई थी। म्यांमार से बंदरगाह बनाने को लेकर हुई यह डील बेल्ड ऐंड रोड परियोजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

बेल्ड ऐंड रोड परियोजना में छोटे देशों को कथित तौर पर लोन के जाल में फंसाने की कोशिश को लेकर चीन की आलोचना हो रही है। वहीं इसके उलट चीनी सरकार ने कहा है कि ये क्षेत्रीय और वैश्विक आर्थिक संरचना को मजबूत करेगा और ये उन देशों में रोजगार का निर्माण करेगा और आर्थिक तरक्‍की में मदद करेगा जो इससे होकर गुजरते हैं। 
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