‘जिंदगी एक सुंदर ख्वाब है, चाहता हूं कि बस इसे जीता रहूं...’ सुपर स्टार शाहरुख ने जिंदगी जीने का अपना यह फलसफा साझा किया ‘अमर उजाला’ के साथ लखनऊ में हुए संवाद में। उन्होंने कहा- ‘26 वर्ष से जिंदगी में सफलता मिलती रही है, लेकिन जानता हूं कि सफलता का समय भी बीतेगा। असफलता भी आएगी... दुखी मैं भी होता हूं लेकिन असफलता का जश्न भी मनाना चाहता हूं।

दो दिन के लिए राजधानी के मेहमान रहे शाहरुख ने कहा- मैं अपने बच्चों और देश के सभी युवाओं से कहूंगा कि जिंदगी में ऐसा कुछ भी खराब नहीं होता, जिससे आपको लगे कि जिंदगी खत्म हो गई। इसका उलटा भी जान लीजिए... कोई सफलता ऐसी नहीं होती जिसके मिलने पर आप मान लें कि जिंदगी पूरी हो गई।’


सब किताबें नष्ट हो रही हों तो रामायण बचाऊंगा

शाहरुख से सवाल किया गया कि अगर दुनिया की सभी किताबें खत्म हो रही हों और किन्हीं तीन को बचाने का अवसर हो तो किसे बचाएंगे? शाहरुख ने कहा- सबसे पहले रामायण बचाना चाहूंगा। इसकी कहानी बहुत खूबसूरत है। दूसरी, अंग्रेजी की किताब डगलस एडम्स की ‘हिचहाइकर्स गाइड टू द गैलेक्सी’ होगी जो बहुत फनी है। तीसरी किताब, अगर मेरी अपनी पूरी हो सकी, तो उसे बचाना चाहूंगा।


फिल्में खराब बनती हैं तो रोता हूं...

कई दफा फिल्म अच्छी नहीं बनती है तो दुखी होता हूं। बाथरूम में जाकर दो घंटे रोता हूं, पैसा बर्बाद होने का दुख नहीं होता है, अपने दर्शकों का विश्वास टूटने का दुख होता है। मेरा पूरा परिवार और फिल्में इसीलिए हैं कि दर्शक उसे पसंद करते हैं।’

‘आपको यह समझना होगा कि असफलता जीवन का हिस्सा है। मैं ही नहीं, हर बड़ा सफल दिख रहा व्यक्ति असफल होता है। इससे दुख भी होगा, लेकिन यह समय भी बीत जाएगा।’
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