नई दिल्ली I वीवीआईपी चॉपर अगस्ता वेस्टलैंड केस की जांच कर रही सीबीआई की सफलता की कहानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने लिखी है. सीबीआई ने लंबी कोशिशों के बाद आखिरकार इस डील के एक बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के भारत प्रत्यर्पण में सफलता पाई है.

सीबीआई अब मिशेल को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी. मिशेल को मंगलवार करीब 11 बजे भारत लाया गया. सीबीआई ने बयान दिया है कि मिशेल को भारत लाने के ऑपरेशन को अजीत डोभाल के निर्देशन में अंजाम दिया गया.

सीबीआई के मुताबिक इस ऑपरेशन में सीबीआई के इनचार्ज डायरेक्टर एम नागेश्वर राव के कोऑर्डिनेशन से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इसके अलावा सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर साई मनोहर के नेतृत्व में टीम ने दुबई में रहकर मिशन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई.

बता दें कि सीबीआई के दो शीर्ष अधिकारियों राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा के बीच छिड़ी अदालती लड़ाई के बीच इस संस्था के लिए यह राहत भरी खबर है. अधिकारियों की कानूनी लड़ाई और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच सीबीआई ने मिशेल को भारत लाकर अहम सफलता हासिल की है.
वहीं, विदेश मंत्रालय में सचिव (इकोनॉमिक रिलेशंस) टीएस त्रिमूर्ति ने बताया है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कौंसुलर से प्रत्यर्पण मामले पर बात की थी. बता दें कि सुषमा इस समय दुबई में ही हैं. वह भारत-UAE जॉइंट कमीशन की बैठक के 12वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए वहां पर हैं.  

इससे पहले, कुछ अन्य मामलों में दुबई की जेल में बंद मिशेल के भारत प्रत्यर्पण पर सुनवाई करते हुए पिछले महीने ही दुबई की अदालत ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए ये माना था कि मिशेल का भारत प्रत्यर्पण किया जा सकता है. कोर्ट ने मिशेल के वकीलों की गुहार खारिज करते हुए ये आदेश दिया था. जिसके बाद अब उसे भारत लाया जा रहा है, जहां उससे चॉपर डील के संबंध में पूछताछ की जाएगी.

भारत के लिहाज से देखा जाए तो यह एक बड़ी कामयाबी है, क्योंकि 3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व पर सवाल उठते रहे हैं. खासतौर पर कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप पर आरोप लगते रहे हैं. हालांकि, क्रिश्चियन मिशेल हर फोरम पर चॉपर डील में कांग्रेस नेतृत्व के शामिल होने की बात खारिज करता रहा है.

पिछले दिनों इंडिया टुडे ने दुबई की जेल से ही क्रिश्चियन मिशेल का इंटरव्यू किया था. जिसमें उसने अपने पिछले बयान पर कायम रहते हुए कहा था कि इस डील में यूपीए सरकार की लीडरशिप शामिल नहीं थी. मिशेल ने ये भी बताया था कि उसे एक डील साइन करने के लिए कहा गया था जिसमें कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बातें थीं,  लेकिन उसने इस डील को ठुकरा दिया.
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