दिल्ली I अंडमान निकोबार में भारतीय नौसैना के एयरबेस तैयार करने के बाद अब भारत ने हिंद महासागर में अपने दायरे को और विस्तार देने की योजना बनाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच यहां अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर अगले 10 सालों में 5,650 करोड़ की लागत से सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना को मंजूरी दे दी है। 

इस योजना के धरातल पर आते ही अंडमान-निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में भारतीय सेनाएं अतिरिक्त युद्धपोत, विमान, ड्रोन, मिसाइल बैटरी और सैनिक तैनात किए जा सकेंगे। लंबे समय से सरकार की उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम के बीच हुई गहन चर्चा के बाद अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) के लिए यह खास योजना तैयार की गई।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस योजना की समीक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता वाली सुरक्षा योजना समिति ने भी की है, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं।

बताया गया कि शुरुआत में इस योजना की लागत में लगभग 10,000 करोड़ आंकी गई थी। लेकिन पहले से ही मौजूद या एएनसी द्वारा अधिग्रहित भूमि पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया गया।’ इसके अलावा 2027 तक अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) में भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत बढ़ाने के लिए एक और व्यापक योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसके लिए 5,370 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।

इसके तहत  108 माउंटेन ब्रिगेड को अपग्रेड करना,नई वायु रक्षा प्रणाली, सिग्नल्स, इंजिनियर, आपूर्ति और वहां पहले से मौजूद तीन (दो इन्फैंट्री और एक प्रादेशिक सेना) बटैलियन्स के साथ एक और इन्फैंट्री बटैलियन को तैनात करना शामिल है। 

मालूम हो कि अंडमान और निकोबार कमांड, देश की एकमात्र एक ऐसी कमांड है जिसके पास आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड आते हैं। 

बता दें कि भारतीय नौसेना ने बृहस्पतिवार को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में आईएनएस कोहासा, नया एयरबेस शुरू किया। हिंद महासागर में अपनी संचालन मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश के तहत भारत ने यह कदम उठाया है।

दरअसल, क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।क्षेत्र में चीन के अपने जंगी जहाज और पनडुब्बी लगातार भेजने के मद्देनजर भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी मजबूत कर रही है। भारत द्वारा अंडमान-निकोबार में नया एयरबेस शुरू करने पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सैन्य अड्डा बनाना भारत का एक सामान्य कदम है।

भारतीय नौसेना अड्डा शुरू होने से जुड़ी एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए चीनी सैन्य वेबसाइट ने शुक्रवार को कहा कि कुछ विदेशी मीडिया हालात को उकसाते हुए कह रही है कि भारत का इरादा चीन से संघर्ष करने का है। 
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