इस्लामाबाद I पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ज्यादा बेचैन है. इसी बेचैनी के कारण गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की. इस बैठक में जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. अभी कुछ दिन पहले ही मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के इन दोनों संगठनों पर बैन हटाया गया था. सईद इन दोनों संगठनों के जरिए करीब 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. उसके करीब 50 हजार स्वयंसेवक और सैकड़ों कर्मचारी हैं.
पाकिस्तान सरकार की इस कार्रवाई की जमात-उद-दावा ने निंदा की. जमात-उद-दावा के प्रवक्ता ने कहा कि संगठनों के प्रतिबंध से कश्मीर की आजादी के लिए चल रहे आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. प्रतिबंध भारतीयों के दबाव पर लगाया गया है. इससे पहले भी कई सरकारों ने हमारे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हम कोर्ट के जरिए बाहर आ जाते थे. इस बार भी हम कोर्ट का रुख करेंगे. जमात-उद-दावा और एफआईएफ शांतिपूर्ण संगठन है और दान आधारित कार्यों में शामिल हैं.
हाफिज सईद ने बनाया था जमात-उद-दावा
दरअसल, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की. इसके बाद 2012 में पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा पर बैन लगाया था. इस कार्रवाई के बाद हाफिज सईद ने आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन बनाया और मुंबई हमले जैसे कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया. अमेरिका और यूरोपियन देशों के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकवाद को सपोर्ट करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में डाल दिया था.
एफएटीएफ के इस कार्रवाई के बाद तत्कालीन पाकिस्तान सरकार ने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन पर बैन लगा दिया था. इसके लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आतंकवाद निरोधी अधिनियम, 1997 को संशोधित करते हुए अध्यादेश लागू किया था. पिछले दिनों राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश निष्प्रभावी हो गया है और उसकी अवधि को नहीं बढ़ाया गया. इस कारण इन दोनों संगठनों पर लगा बैन हट गया था.
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा
राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की इस बैठक में इमरान खान, पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा, सर्विसेज चीफ, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और सुरक्षा अधिकारियों के साथ वित्त मंत्री असद उमर, रक्षा मंत्री परवेज खटक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, गृह राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी और अन्य नेता मौजूद रहे. बैठक में भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात पर चर्चा की गई.
हालांकि, इस बैठक में पाकिस्तान ने पुलवामा में अपनी संलिप्ता से इंकार कर दिया. इमरान खान ने अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि इस हमले की योजना जम्मू-कश्मीर में बनाई गई और उसे वही अंजाम दिया गया. इसमें पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है. अगर भारत की ओर से कोई कार्रवाई की जाती है तो पाकिस्तान की आर्मी को भी जवाबी कार्रवाई करने की छूट दे दी गई है.
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