नई दिल्ली I टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देश के सभी टैक्सपेयर्स की वित्तीय कुंडली तैयार कर ली है. टैक्स चोरी पकड़ने के लिए 1 अप्रैल से इसका आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल शुरू करने जा रहा है. आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) 1 अप्रैल से पूरे देश में प्रोजेक्ट इनसाइट (Project Insight) को लागू कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत ऐसे लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखी जाएगी, जो महंगी चीजें खरीदते हैं, लेकिन उनकी जानकारी डिपार्टमेंट को देने से बचते रहे हैं.


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उठाएगा ये कदम-
>> आयकर विभाग टैक्सपेयर की 360 डिग्री प्रोफाइलिंग तैयार की है.
>> टैक्सपेयर की आर्थिक कुंडली में कमाई और खर्चे का ब्यौरा होगा.


>> कमाई और खर्चे में तालमेल नहीं होने पर टैक्सपेयर की मुश्किलें बढ़ेगी.

>>  आय के औपचारिक स्रोत के साथ अनौपचारिक स्रोत भी खंगाला जाएगा.
>> बैंकिंग लेन देन के अलावा सोशल मीडिया जैसी गैर परंपरागत स्रोत पर नज़र रहेगी.


>> 1 अप्रैल से आयकर विभाग बिग डेटा सिस्टम का इस्तेमाल शुरू करेगा.
>> बिग डेटा-टैक्स ट्रैकर सिस्टम का बनाने में करीब 1000 करोड़ का खर्च
>> ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और कनाडा जैसे देश बिग डेटा का इस्तेमाल पहले से कर रहे है.


1 हजार करोड़ का खर्च- इस प्रोजेक्ट पर विभाग ने 1 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. ये प्रोजेक्ट पिछले सात सालों से तैयार हो रहा था. सरकार का मकसद इस प्रोजेक्ट के जरिए विश्व का सबसे बड़ा बॉयोमेट्रिक डाटाबेस तैयार करने का है.इस डाटाबेस से इनकम टैक्स, ईडी, बैंक, एनआईए को भी टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी. सरकार का मानना है कि काफी लोग अभी भी अपनी कमाई की सही तरह से जानकारी नहीं दे रहे हैं. वहीं लोग अपने घूमने-फिरने, घर-बाइक-कार खरीदने पर सबसे पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं, जिससे अन्य लोगों को पता चल सके. अब सरकार के इस कदम से लोगों को काफी सावधानी बरतनी पड़ेगी.
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