अबू धाबी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद जिंदगियां बर्बाद कर रहा है, क्षेत्र को अस्थिर बना रहा है और दुनिया को संकट की ओर धकेल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, किसी धर्म के खिलाफ लड़ाई नहीं है। स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं। जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए गए इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। 57 इस्लामिक देशों के समूह को संबोधित करने वाली स्वराज पहली भारतीय मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ‘बहुत ही कम’ मुसलमान चरमपंथी और रूढ़िवादी विचारधारा वाले कुप्रचार के शिकार हुए हैं।

पाकिस्तान का नाम लिए बगैर अपने 17 मिनट के संबोधन में स्वराज ने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ के नाम अलग-अलग हैं। वे विभिन्न कारणों का हवाला देते हैं। लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए वे धर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और भ्रमित आस्थाओं से प्रेरित होते हैं।’’ स्वराज ने कहा, ‘‘मैं हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 18.5 करोड़ मुसलमान भाइयों-बहनों सहित 1.3 अरब भारतीयों का सलाम लेकर आयी हूं। हमारे मुसलमान भाई-बहन अपने-आप में भारत की विविधता का सूक्ष्म ब्रह्मांड हैं।’’ पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर 26 फरवरी को भारत के हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए। पाकिस्तान ओआईसी का सदस्य देश है। स्वराज ने कहा कि जैसे की इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं।’’
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