मॉडर्न लाइफस्टाइल में कागज में रोटी लपेटना और खाना पैक करना काफी आउटडेटेड लगता है. अखबार या कागज की जगह अब चमचमाती एल्युमिनियम फॉयल ने ले ली है. ऑफिस जाना हो या बच्चों का टिफिन बॉक्स तैयार करना हो ज़्यादातर लोग एल्युमिनियम फॉयल में ही खाना पैक करना पसंद करते हैं जिससे कि खाना ताजा और काफी देर तक गर्म बना रहे. लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि एल्युमिनियम फॉयल की वजह से आपका खाना आपको कितना नुकसान पहुंचा रहा है. आइए जानते हैं कैसे.


एल्युमिनियम फॉयल के नुकसान को लेकर अपने भी कई शोध हो चुके हैं. हाल में न्यूट्रिशन और एक्सरसाइज साइंस एक्सपर्ट रुजुता दिवेकर ने इस सिलसिले में अपनी फेसबुक वाल पर एक विडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने एल्युमिनियम फॉयल में खाना पैक करने के नुकसान के बारे में बताया है. उनके मुताबिक़, खाना एल्युमिनियम फॉयल या प्लास्टिक के लंच बॉक्स में पैक करने की जगह शीशे के बर्तन में पैक करना ज्यादा सही रहता है. इससे खाने के पोषक तत्व मरते नहीं हैं. उनका कहना है कि पानी भी कांच, मिट्टी या कांसे की बोतल में पीना चाहिए.


विशेषज्ञ भी खाना पैक करने के लिए एल्युमिनियम फॉयल के प्रयोग को सही नहीं मानते हैं. उनके मुताबिक, खाना जब एल्युमिनियम फॉयल के संपर्क में आता है तो उसकी तासीर बदल जाती है. उसमें एल्युमिनियम के तत्व आने लगते हैं जिससे खाने की गुणवत्ता प्रभावित होती है.

जल्दबाजी में कई बार हम गर्म खाना एल्युमिनियम फॉयल या प्लास्टिक पेपर में पैक करते हैं लेकिन ये हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है. इससे उसमें मौजूद केमिकल खाने में मिल जाता है. प्लास्टिक में जीनो एस्ट्रोजन नाम का एक खतरनाक केमिकल होता है ऐसे में जब हम गर्म खाना प्लास्टिक के बर्तन में पैक करते हैं इससे शरीर के हर्मोन में असंतुलन पैदा होता है. इससे बड़े होते बच्चों का विकास भी प्रभावित होता है.कई शोध में यह बात पहले भी सामने आ चुकी है कि ऐसा खाना खाने वालों को भूलने की बीमारी (अल्जाइमर) भी हो सकता है. एल्युमिनियम फॉयल में पैक खाना खाने से दिमाग में बनने वाली कोशिकाओं की संख्या घटती है.
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