वॉशिंगटन और मॉस्को की तरह केंद्र की मोदी सरकार देश की राजधानी दिल्ली को अभेद्य सुरक्षा देने की तैयारी कर रही है. इसके लिए भारत अमेरिका से नेशनल एडवांस्ड सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम- II(NASAMS-II) खरीदने की कोशिशों में जुटा है. ये मिसाइल होने पर दुश्मन चाहकर भी राजधानी पर मिसाइल, ड्रोन और विमान से हमला नहीं कर पाएंगे.

अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक खबर के मुताबिक, भारत सरकार दिल्ली को चारों तरफ से मिसाइलों के रक्षा कवच से ढंकने की तैयारी में है. NASAMS को हासिल करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) अपनी दो स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD) ढाल को विकसित करने के अंतिम चरण में है. BMD का डिजाइन पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर और बाहर (पूर्व) परमाणु मिसाइलों को ट्रैक करने और उन्हें तुरंत नष्ट करने के लिए किया गया है.

किस तरह होगी दिल्ली की सुरक्षा?



दिल्ली की सुरक्षा की सबसे बड़ी परत NASAMS के माध्यम से होगी. ये स्टिंगर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, बंदूक प्रणालियों और AIM-120C-7 AMRAAMs (मध्यम दूरी के मिसाइल) जैसे विभिन्न हथियारों का एक संयोजन होगा, जो तीन-आयामी सेंटिनल रडार पर आधारित होगा. यह नेटवर्क प्रणाली, इमारतों के आसपास भी शूटिंग करने में सक्षम है. इससे 9/11 सहित बेहद करीबी हमलों से भी बेहद आसानी से बचा जा सकेगा.

NASAMS के लिए बदलेगी पुरानी सुरक्षा व्यवस्था
अमेरिकी मिसाइल NASAMS-II के लिए पुरानी सुरक्षा व्यवस्था को बदला जाएगा. इसके तहत वीआईपी नो फ्लाई जोन और दुश्मनों के विमानों को देखते ही मार गिराने वाले सिस्टम को भी दोबारा आकार दिया जाएगा. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसके पहले मोदी सरकार में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने अमेरिका से 1 अरब डॉलर में 'नेशनल एडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम-2' (NASAMS-II) को अधिग्रहण करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
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