इस्‍लामाबाद। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनुच्‍छेद-370 (Article 370) खत्‍म किए जाने से पाकिस्‍तान की सरकार की बेचैनी बढ़ गई है। अमेरिका से मिली मायूसी के बाद पाकिस्‍तान की सरकार ने एकबार फ‍िर अपने सहयोगी चीन की ओर उम्‍मीदों से हाथ फैलाया है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) जम्‍मू-कश्‍मीर पर लिए गए भारत सरकार के फैसले के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए बीजिंग रवाना हुए हैं। वह वहां चीन के विदेश मंत्री वांग वी (Wang Yi) एवं अन्‍य चीनी नेताओं से मिलेंगे।

बता दें कि अनुच्‍छेद-370 (Article 370) को लेकर भारत सरकार के फैसले से बौखलाए पाकिस्‍तान ने अपने यहां भारतीय फिल्मों व ड्रामों के पाक में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही द्विपक्षीय कारोबार पर भी बैन लगा दिया है। पाकिस्‍तान ने समझौता एक्सप्रेस के आवागमन को भी रोकने का फैसला किया है। यहां तक कि उसने भारतीय राजनयिक को इस्‍लामाबाद से वापस भेज दिया है। हालांकि, पुलवामा हमले के बाद से ही भारतीय फिल्मकार पाकिस्‍तान में फिल्में रिलीज करना बंद कर चुके हैं।

कल पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत यदि अनुच्छेद-370 पर फैसला वापस लेता है तो हम दोबारा राजनयिक रिश्ता भी स्थापित कर लेंगे। हालांकि, भारत की ओर से पाकिस्‍तान को कोई तवज्‍जों नहीं दी जा रही है। वैसे आर्थिक विश्‍लेषकों की मानें तो पाकिस्‍तान ने भारत के साथ व्‍यापारिक रिश्‍ता खत्‍म करके अपने ही पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारने का काम किया है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में भारत ने पाकिस्तान को कुल 2.3 लाख अरब रुपये का निर्यात किया। इसी वर्ष भारत ने पाकिस्तान से कुल 3.6 लाख अरब रुपये का सामान आयात किया।

आसान भाषा में समझें तो पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के मुकाबले पाकिस्तान ने हमें 1.3 लाख अरब रुपये का ज्यादा सामान बेचा है। मतलब भारत, पाकिस्तान से खरीदता ज्यादा है और बेचता कम है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए भारत एक बड़ा बाजार है, जहां पिछले वर्ष उसने कुल 3.6 लाख अरब रुपये का व्यापार किया। वहीं, पाकिस्तान अपने आवाम की जरूरी आवश्यकतें पूरी करने के लिए भी काफी हद तक भारत पर निर्भर है। जानकारों की मानें तो पाकिस्‍तान के इस कदम से उसकी डूबती अर्थव्‍यवस्‍था और गोते लगाएगी।  
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