नई दिल्ली: चीन के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के कदम पर 'बंद कमरे में' बैठक बुलाने पर सहमति व्यक्त की है। यूएनएससी के अध्यक्ष जोआना रोनक्का ने संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 16 अगस्त को बंद कमरे में जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर चर्चा करेगा। चीन ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बंद कमरे में विचार विमर्श करने की मांग की थी। इससे पहले पाकिस्तान ने बैठक की मांग करते हुए एक पत्र लिखा था। पाकिस्तान ने इस बारे में अगस्त महीने में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पोलैंड को पत्र लिखा था। 
हाल में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले पर चर्चा के लिए सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की औपचारिक मांग की है। भारत चीन समेत बाकी देशों से पहले ही इस मसले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुका है कि ये भारत का आंतरिक मामला है। 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान की तरफ से लगातार बौखलाहट देखी जा रही है। वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसमें लगातार दखल देने की मांग कर रहा है। हालांकि चीन को छोड़कर बाकी देशों से उसे निराशा ही हाथ लगी है। 
हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात में स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला भारत का आंतरिक मामला है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की। 
सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने बताया, 'बैठक का प्रारूप क्लोज्ड-डोर कंसल्टेशन (समूह के सदस्यों के बीच मंत्रणा) होगा जिसमें पाकिस्तान का शामिल होना नामुमकिन है। बैठक बंद कमरे में की जाएगी, जिसका प्रसारण नहीं किया जाएगा।' सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है।
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