बैंगलुरू: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-2 की उम्मीदे अभी बाकी हैं. इसरो ने  लैंडर विक्रम का पता लगा लिया है. इसरो प्रमुख के. सीवन ने बताया है कि चंद्रमा का चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ने विक्रम की थर्मल तस्वीरें ली हैं. सीवन के मुताबिक हालांकि अभी विक्रम के साथ फिर से सम्पर्क नहीं हो सका है. इस सम्बंध में इसरो का प्रयास जारी है. इसरो आंकड़ों का अध्ययन कर रहा है.

इसरो के एक अधिकारी ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि लैंडर चांद की सतह से तेजी से टकराया है और इस कारण वह पलट गया है. अब उसकी स्थिति ऊपर की ओर बताई जा रही है." उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी संभावना भी है कि इससे लैंडर टूट गया हो. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है.



14 दिनों तक लैंडर से संपर्क बहाल करने की कोशिश करेगा इसरो

इसरो प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी 14 दिनों तक लैंडर से संपर्क बहाल करने की कोशिश करेगी. चंद्रयान-2 में लगे कैमरों से चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का रविवार को पता चलने के बाद उन्होंने दोहराया कि ये (संपर्क बहाल करने की) कोशिशें जारी रहेंगी. अभियान से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा...यह मुश्किल होगा(संपर्क बहाल करना).’’

एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि, सही अनुकूलन के साथ यह अब भी ऊर्जा पैदा कर सकता है और सौर पैनल के जरिए बैटरियों को रिचार्ज कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा संभावना कम होती चली जाएगी.’’

सहजता से और अपने चार पैरों के सहारे नहीं उतरा होगा विक्रम- इसरो अधिकारी

इसरो के एक अन्य शीर्ष अधिकारी ने कहा चंद्रमा की सतह पर विक्रम की ‘हार्ड लैंडिंग’ ने दोबारा संपर्क कायम करने को मुश्किल बना दिया है क्योंकि यह सहजता से और अपने चार पैरों के सहारे नहीं उतरा होगा. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से टकराने के चलते लगे झटकों के चलते लैंडर को नुकसान पहुंचा होगा.

गौरलतब है कि इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था और चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया था. चंद्रमा पर खोज के लिए देश के दूसरे मिशन का सबसे जटिल चरण माने जाने के दौरान लैंडर चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बिलकुल करीब था, जब इससे संपर्क टूट गया. चंद्रयान-2 के लैंडर का वजन 1,471 किग्रा है.
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