नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है. पी चिदंबरम को आज दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में पेश किया जाएगा. हालांकि पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 23 तारीख को सुनवाई करेगा ऐसे में आज पी चिदंबरम को निचली अदालत से कोई खास राहत मिलने की उम्मीद कम ही है.

मामले की पिछली सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले में कोर्ट से गुहार की थी कि उनको ईडी की हिरासत में भेज दिया जाए लेकिन ईडी ने हिरासत में लेने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने चिदंबरम की उस मांग को ठुकरा दिया था. दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद पी चिदंबरम के बाहर निकलने का अब एक ही रास्ता बचा है जब उनको अदालत से जमानत मिल जाए और इसके लिए फिलहाल अब चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट में 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई तक इंतजार करना होगा.



कैसे नाटकीय ढ़ंग से गिरफ्तार हुए थे पी चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम को 29 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद दिल्ली के जोर बाग स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी से पहले चिदंबरम ने कांग्रेस दफ्तर पर करीब 8 बजकर 15 मिनट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वो कानून से भाग नहीं रहे थे बल्कि न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे थे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पी चिंदबरम अपने जोर बाग स्थित आवास पहुंचे जहां सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

दरअसल जैसे ही हाई कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की तो तभी सीबीआई ने रात 11.30 बजे चिदंबरम के घर पर नोटिस लगा कर दो घंटे में पेश होने के लिए कहा. इसके बाद से ही उनका फोन ऑफ आने लगा और उनका कुछ पता नहीं चला. पी चिदंबरम और ईडी, सीबीआई के बीच रात भर लुका छुपी का खेल चलता रहा. सीबीआई ने पी चिदंबरम को चिट्ठी लिखकर दो घंटों में हाजिर होने का आदेश जारी किया था लेकिन वे सामने नहीं आए. बाद में चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था. उन्हें 22 अगस्त को अदालत में पेश किया गया और फिर उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था.

इसके बाद चिदंबरम की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल ने पहली याचिका जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एम शांतानागौर और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच के सामने पेश की. सुप्रीम कोर्ट में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका ठीक तरीके से दाखिल नहीं की गई थी इसलिए सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में उसे डिफेक्टेड लिस्ट में डाल दिया गया. इसके बाद चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका में सुधार किया और लंच के बाद जस्टिस रमना की बेंच के सामने दोबारा याचिका पेश की.

क्या है चिदंबरम पर आरोप

चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में कथित अनियमितताएं बरती गई. इसको लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी. इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था.
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