बीजिंग: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फिलहाल चीन के दौरे पर हैं. इस दौरे पर इमरान को चीन ने बड़ा झटका दिया है. चीन ने कश्मीर मुद्दे को लेकर अहम बयान दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के बीच विवाद सामान्य बात है. चीन का ये बयान ऐसे वक्त आया है जब राष्ट्रपति शी चिनफिंग भारत दौरे पर आएंगे.

भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने सलाह देते हुए कहा कि दोनों उभरती एशियाई ताकतों को सीमा विवाद के कारण द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए. चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने कहा, ''सीमा विवाद का अंतिम समाधान होने तक हमें संयुक्त रूप से सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने की जरूरत है.''

बातचीत के जरिए निकाले समाधान

चीनी राजदूत ने कहा, ''हम बताना चाहते हैं कि पड़ोसियों में मतभेद सामान्य है. इससे पार पाने का तरीका यह है कि विवादों का सही ढंग से सामना किया जाए. उसका हल निकालने के लिए बातचीत और विचार-विमर्श से किया जाए.''

इस दौरान चीन के राजदूत ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने इस विवाद को इतिहास की ओर से छोड़ा गया जटिल और संवेदनशील मामला बताया.

भारत-चीन सीमा पर नहीं चली है एक भी गोली

उन्होंने कहा, ''पिछले कई दशकों से भारत-चीन सीमा पर एक गोली नहीं चली है. अमन-चैन बना हुआ है और सीमा विवाद भारत-चीन संबंधों का सिर्फ एक हिस्सा है.'' सुन ने कहा, ''हमें भारत-चीन के संबंधों के बड़े परिदृश्य को देखने की जरूरत है और सीमा विवाद के चलते सामान्य द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए.''

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत दौरे के बारे में कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया. हालांकि, उन्होंने औपचारिक तौर पर कहा कि शी की यात्रा के बारे में बुधवार को पेइचिंग और नई दिल्ली में एक साथ आधिकारिक तौर पर ऐलान होगा.

इसके लिए चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को स्पेशल मीडिया ब्रीफिंग का प्रोग्राम रखा है. इससे पहले पीएम मोदी और जिनपिंग पिछले साल अप्रैल में चीन के वुहान शहर में मिल चुके हैं.

भारत चीन के बीच सीमा विवाद

बता दें कि भारत और चीन के बीच करीब 3,488 किलोमीटर का सीमा विवाद हैं जिसे ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’(एलएसी) कहते हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिण हिस्सा बताते हुए अपना दावा करता है.

भारत चीन के इस दावे को सिरे से खारिज करता है. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि सीमा विवाद का अंतिम हल होने तक दोनों पक्ष की ओर से सीमा पर अमन-चैन बनाए रखी जाए.
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