वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि देशों के बीच व्यापार विवाद (ट्रेड वॉर) वैश्विक अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं. आईएमएफ की प्रबंध निदेशक के तौर पर अपने पहले संबोधन में क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दशक के सबसे निचले स्तर पर आने की आशंका है. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था का भी जिक्र किया.

जॉर्जिवा ने कहा, ''उभरते बाजार वाले कुछ देशों, जैसे भारत और ब्राजील में इस साल मंदी अधिक स्पष्ट होगी. चीन की विकास दर कई वर्ष तक तेजी से बढ़ने के बाद अब लगातार घटती जा रही है.'' उन्होंने कहा कि शोध दिखाते हैं कि व्यापार विवादों का प्रभाव व्यापक है और देशों को अर्थव्यवस्था में नकदी डालने के साथ एकरूपता से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था के सामने एक और बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन है. इसके समाधान के लिए उन्होंने कार्बन कर बढ़ाए जाने का आह्वान भी किया. अगले हफ्ते आईएमएफ-विश्वबैंक की सालाना बैठकें शुरू होनी हैं.

जॉर्जिवा ने कहा, ''दुनिया की 90 फीसद अर्थव्यवस्था के 2019 में मंदी के चपेट में आने की आशंका है. वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्तमान में एक ही समय में कई कारकों की वजह (सिंक्रोनाइज्ड) से नरमी से गुजर रही है.’’ उन्होंने कहा कि इस व्यापक घोषणा का अर्थ है कि दुनिया की वृद्धि दर इस दशक की शुरुआत के बाद से अपने सबसे निचले स्तर तक पहुंच जाएगी.

जॉर्जिवा ने कहा कि आईएमएफ चालू और अगले वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान को घटा रहा है. हालांकि इसके आधिकारिक संशोधित आंकड़े वह 15 अक्टूबर को जारी करेगा. पहले आईएमएफ ने 2019 में वैश्विक वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत और 2020 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
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