नई दिल्ली। भाजपा ने उत्तर प्रदेश के दो विधायकों सुरेश तिवारी को कथित तौर पर मुस्लिमों दुकानदारों से सब्जी नहीं खरीदने की बात को लेकर और श्याम प्रकाश को हरदोई स्वास्थ्य प्रशासन पर चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाने के लिए मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने एक बयान में कहा कि दोनों विधायकों का आचरण पार्टी की नीति के विपरीत है। उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों को एक हफ्ते में जवाब मांगा है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी टिप्पणी को ‘अत्यधिक गैर जिम्मेदाराना’ पाया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भाजपा इस तरह की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगी और पार्टी नेताओं को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि नड्डा ने उत्तर प्रदेश राज्य भाजपा प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह से बात की और उनसे तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। 

विधायक से एक सप्ताह के भीतर जवाब भेजने को कहा गया है। तिवारी को जनता से कथित रूप से यह कहते हुए कैमरे में कैद किया गया है कि वह मुस्लिम विक्रेताओं से सब्जी नहीं खरीदें। सोशल मीडिया पर विधायक का वीडियो मंगलवार सुबह वायरल हो गया। तिवारी वीडियो में कथित रूप से यह कहते नजर आ रहे हैं, एक चीज ध्यान में रखियेगा मैं बोल रहा हूं ओपेनली :खुले तौर पर: कोई भी मियां के हाथों सब्जी नहीं लेगा। इस बयान के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने फोन पर कहा कि 17 या 18 अप्रैल को मैं जनता में मास्क और सेनेटाइजर वितरित कर रहा था। जब मैं नगर पालिका की बाउंड्री के निकट पहुंचा तो करीब 17 से 18 लोग मेरे पास आये और शिकायत करने लगे कि तबलीगी लोगों ने अफरातफरी मचा दी है और कोरोना वायरस फैला रहे हैं और वे अपने थूक से सब्जियों को भी दूषित कर रहे हैं। 

तिवारी ने कहा, मैंने लोगों से कहा कि उनसे :मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं से: लडाई ना करें या कानून अपने हाथ में ना लें लेकिन उनसे खरीददारी बंद कर दें। मुझे बताइये कि मैंने क्या गलत कह दिया। वहीं सोमवार को हरदोई के गोपामऊ से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने अपनी निधि से कोरोना की दवाइयों और मास्क आदि के लिये दी गई 25 लाख रुपये की धनराशि वापस दिये जाने की मांग की। विधायक का आरोप था कि दवा आदि खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। इसके लिये उन्होंने जिले के मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखा था। उनके इस पत्र के बाद जिलाधिकारी पुलकित खरे ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और चीफ फार्मासिस्ट जे एन तिवारी के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है।
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