नई दिल्ली। कोरोना ने भारत में भले ही पांच माह पहले दस्तक दी हो, लेकिन महामारी के 86 फीसदी मामले पिछले 40 दिनों में आए हैं। वहीं, 84 फीसदी संक्रमितों की मौत भी मई से जून के बीच हुई है। देश में कोरोना का कहर मई में ही सबसे ज्यादा रहा। मई में ही एक लाख 53 हजार से मरीज मिल चुके हैं। वहीं अनलॉक के नौ दिनों में ही 76 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। मई में उद्योगों-कार्यालयों और दुकानें खोलने के साथ राज्यों के भीतर आवागमन की सशर्त छूट मिली थी। साथ ही ट्रेनों, बसों, विमानों से यात्रा भी प्रारंभ हुई।

देश में कोरोना के एक दिन में रिकॉर्ड 9,987 मामले आए हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 2,66,598 हो गई। एक दिन में रिकॉर्ड 266 की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 7,466 पहुंच गई। पांच दिन से लगातार 10,000 के करीब केस आ रहे हैं। बीते सोमवार को 9983, रविवार को 9971, शनिवार को 9887 और शुक्रवार को 9851 नए मामले सामने आए थे।

लॉकडाउन ने दुनिया में कम से कम 50 करोड़ लोगों को कोरोना के संक्रमण की चपेट में आने से बचाया है। नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अगर लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग और यात्रा प्रतिबंध नहीं लगाए जाते तो यह सदी की सबसे भयंकर महामारी बन जाती।

छह देशों में होते इतने मामले: 50 करोड़ को संक्रमण से बचाने का यह आंकड़ा महज छह बड़े प्रभावित देशों या क्षेत्रों चीन, अमेरिका, यूरोप का है। कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता सोलोमन सियांग ने कहा कि लॉकडाउन लागू करने में छोटी सी भूल इन देशों पर भारी पड़ती। अभी कोरोना के कुल मामले 72 लाख हैं।

ऐसे घूमा जिंदगी का पहिया: 
-25 मार्च से 14 अप्रैल-आवाजाही और उद्योगों में पूरी पाबंदी 
-15 अप्रैल से 3 मई- सिर्फ आवश्यक सेवाओं को इजाजत मिली 
-17 मई- उद्योग-ऑफिस खुले
-18 से 31 मई-विमान सेवा शुरू
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours