इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यकों की हालात कोई छिपी बात नहीं है। उन्‍हें जिस तरह के हालात का सामाना करना पड़ रहा है, उसमें वे रोज खौफ के साये में जी रहे हैं। बड़ी संख्‍या में अल्‍पसंख्‍यकों का देश से पलायन भी हुआ है, जो वहां अपने साथ होने वाली ज्‍यादती के कारण लौटना नहीं चाहते। अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वहां हिन्‍दू अल्‍पसंख्‍यकों के घरों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

भारत ने दर्ज कराया विरोध
भारत ने पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग के समक्ष इस बारे में आपत्ति दर्ज कराई है। भारत का यह कदम इस बारे में नागरिक समाज की शिकायतों के बाद आया है, जिनका कहना है कि पाकिस्‍तान में हिन्‍दू समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके घरों में तोड़फोड़ की जा रही है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्‍तान में रह रहे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय द्वारा अपना पहचान-पत्र दिए जाने, घर के मालिकाना हक को लेकर कागजात दिखाए जाने और तोड़फोड़ से राहत को लेकर कानूनी अधिकार से संबंधित दस्‍तावेज दिखाए जाने के बावजूद उनके घरों को निशाना बनाया जा रहा है और उन्‍हें ध्‍वस्‍त किया जा रहा है, जबकि प्रशासन इस मसले पर मौन है।

मानवाधिकार आयोग ने दी थी रिपोर्ट
भारत ने इस बारे में अपनी चिंताओं से पाकिस्‍तान को अवगत करा दिया है। सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग से कहा गया है कि पाकिस्‍तान की सरकार पर इस पर कार्रवाई करे और वहां रह रहे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, उनके अधिकारों व उनकी स्‍वतंत्रता को समुचित सम्‍मान व संरक्षण दे।

यहां उल्‍लेखनीय है कि बीते सप्‍ताह पाकिस्‍तान के मानवाधिकार आयोग ने पंजाब प्रांत के यजमान में हिन्‍दू अल्‍पसंख्‍यकों के घरों को नष्‍ट किए जाने का मसला उठाया था। आयोग ने इसके लिए स्‍थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था।

पाकिस्‍तान से अल्‍पसंख्‍यक परिवारों पर हमले, उनकी लड़कियों के अपहरण सहित ऐसी कई रिपोर्ट्स पिछले दिनों आ चुकी हैं। यहां तक क‍ि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भी यहां अल्‍पसंख्‍यकों के साथ भेदभाव का मसला सामने आ चुका है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्‍तान के कराची में कोरोना वायरस के कारण प्रभावित लोगों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को तो राशन दिया जा रहा है, पर हिन्‍दू, ईसाई और अन्‍य धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पर अमेरिका ने भी पाकिस्‍तान को कड़ी फटकार लगाई थी।
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