मुंबई. शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए अहमदनगर आग की घटना को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. सामना के जरिए शिवसेना ने कहा कि अहमदनगर जैसे हादसे पहले भी हुए हैं. हर बार सरकार जांच और कड़ी कार्रवाई का आदेश देती है. आंसू बहाकर मृतकों के रिश्‍तेदारों को 2 से 5 लाख रुपये की मदद भी करती है, लेकिन इस तरह के हादसे होने का सिलसिला लगातार जारी रहता है. अस्‍पताल में आग लगने की घटना लगातार सामने आ रही हैं.

शिवसेना ने सामना के जरिए कहा, अस्पतालों में आग लगने का सिलसिला बिल्कुल भी नहीं रुक रहा है. सिर्फ आग लगने के कारण ढूंढ़ना और पिछली आग के पन्नों को आगे बढ़ाना, ऐसा ही सालों साल से चला आ रहा है. मौत जलने से हुई या दम घुटने से, इसकी जांच अवश्य करें. लेकिन मौत अस्पताल में आग लगने के कारण ही हुई और जनता की रक्षा, सुरक्षा करना किसी भी सरकार का कर्तव्य होता है. महाराष्ट्र की नगर-गोंदिया जैसी घटनाओं से स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़े होते हैं.

स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का हाल अभी भी काफी बुरा है. कभी सही इलाज नहीं मिलता है तो कभी इलाज के दौरान इस तरह के हादसे हो जाते हैं, जिसमें मरीज की मौत हो जाती है. चिकित्सा प्रणाली का इस तरह जलना अब तो रुकना चाहिए. सार्वजनिक चिकित्सा प्रणाली केंद्र और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी है. सरकार अब सिर्फ आंसू न बहाए, ऐसा बार-बार न हो, इसके लिए कौन-से ठोस कदम उठाएगी, सिर्फ इतना बताए!

गौरतलब है कि महाराष्ट्र स्थित अहमदनगर जिले में स्थित एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से 11 कोविड पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई थी. जिस समय ये हादसा हुआ उस वक्‍त आईसीयू वार्ड में कुल 20 मरीजों का इलाज चल रहा था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने प्रत्येक मृतक के परिजन को 5-5 लाख रुपए देने की घोषणा की गई है. डीसी को घटना की जांच करने और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है.

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