अजित पवार गुट ने बड़ा खेल खेलते हुए सुप्रीम कोर्ट में तीन हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की हैं. इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि ठाकरे गुट और शरद पवार गुट की मुश्किलें बढ़ सकती है.

अजित पवार गुट ने हस्तक्षेप याचिका दायर की है. अजित पवार गुट की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कार्रवाई में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है. सिर्फ एक पार्टी ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की दो पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष जल्दी फैसले नहीं लेते हैं, उन्हें तत्काल फैसले लेने को कहें. सुप्रीम कोर्ट दोनों पक्षों की याचिका पर एक साथ सुनवाई करेगा. इस पृष्ठभूमि के खिलाफ अजीत पवार गुट ने अपनी रणनीति की योजना बनाई और इस संबंध में तीन हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं. 

अजित पवार गुट की ओर से तीन हस्तक्षेप याचिकाएं दायर
ABP माझा के अनुसार, वकील सिद्धार्थ शिंदे ने एबीपी माझा को बताया कि, ''नेशनलिस्ट पार्टी के अजित पवार गुट की ओर से तीन हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की गई हैं. प्रतोद अनिल पाटिल, नरहरि जिरवाल और छगन भुजबल के पक्ष में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं. इस हस्तक्षेप याचिका में कोर्ट में बताया गया है कि, मामला चुनाव आयोग में लंबित है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है. 

तीन हस्तक्षेप याचिकाएं क्यों?
इस संबंध में पूछे जाने पर वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा, ''अजित पवार समूह ने जिन तीन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, उनमें से तीन के नाम महत्वपूर्ण हैं. मंत्री छगन भुजबल, प्रतोद अनिल पाटिल, विधानसभा उपाध्यक्ष विधानसभा नरहरि जिरावल... साथ ही सुप्रीम कोर्ट में तीन अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं. वकीलों को इजाजत मिल जाएगी और इस तरह तीन अलग-अलग मुद्दे कोर्ट के सामने उठाए जा सकेंगे.

लेकिन, अहम बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट आज फैसला करेगा कि इसे स्वीकार किया जाए या नहीं अजित पवार गुट की ओर से याचिका दायर की गई है या नहीं. आज दोनों मामलों पर सुनवाई है. सुप्रीम कोर्ट पात्रता और अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं लेगा, सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ही फैसला लेंगे.

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