त्रिनिदाद के ब्रायन लारा स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में अफगानिस्तान ने टॉस जीतकर बैटिंग करने का फैसला किया था, जो उनके लिए पूरी तरह से गलत साबित हुआ. पहले बैटिंग के लिए उतरी अफगानिस्तान को अफ्रीकी गेंदबाज़ों ने 11.5 ओवर में सिर्फ 56 रनों के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया था. टीम के लिए इस दौरान मार्को यानसेन और तबरेज शम्सी ने सबसे ज़्यादा 3-3 विकेट लिए थे. फिर लक्ष्य का पीछा करते हुए अफ्रीका ने 8.5 ओवर में 1 विकेट पर 60 रन बनाकर जीत हासिल कर ली.
इस तरह अफ्रीका ने आसानी से जीत हासिल कर फाइनल में रखा कदम
57 रनों के छोटे से लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भले ही खराब रही, लेकिन टीम ने जीत एकतरफा ही हासिल की. अफ्रीका को पहला झटका दूसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर क्विंटन डिकॉक के रूप में लगा, जिन्हें फजलहक फारूकी ने बोल्ड कर चलता किया. डिकॉक ने 8 गेंदों में 1 चौके की मदद से सिर्फ 5 रन बनाए. हालांकि इसके बाद अफ्रीका ने कोई विकेट नहीं गंवाया.
फिर यहां से दूसरे विकेट के लिए रीजा हेंड्रिक्स और कप्तान एडन मार्करम ने 55* (43 गेंद) रनों की अटूट साझेदारी कर आसानी से टीम को जीत की लाइन पार करवा दी. रीजा हेंड्रिक्स ने 25 गेंदों में 3 चौके और 1 छक्के की मदद से 29* और कप्तान मार्करम ने 21 गेंदों में 4 चौके लगाकर 23* रन बनाए.
जीत के साथ अफ्रीका ने हटाया चोकर्स का टैग
दक्षिण अफ्रीका को चोकर्स के नाम से भी जाना जाता है. टीम अक्सर नॉकआउट मुकाबलों में चोक करती है, लेकिन इस बार अफ्रीका ने शानदार फॉर्म का मुज़ाहिरा पेश करते हुए सेमीफाइनल में जीत दर्ज की और अपने ऊपर से चोकर्स का टैग हटाया.
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