केके मनन ने कहा कि अभी अरविंद केजरीवाल 3 दिन की रिमांड पर गए हैं न, मैं एडवांस में बता रहा हूं कि अगर सीबीआई ने फिर रिमांड मांग ली. रिमांड आमतौर पर दे देते हैं. केके मनन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की तरफ से रिमांड देना एक चलन बन गया है. छोटे-छोटे केस में मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के कहने के बावजूद भी बेल नहीं दे रहे हैं.
ईडी से बहुत अलग तरीके से जांच करती है सीबीआई, एडवोकेट केके मनन ने कहा
उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के केस में देखना सीबीआई की जांच प्रवर्तन निदेशालय की तुलना में ज्यादा बेहतर होगी. सीबीआई का जांच करने का तरीका अलग होता है. सीबीआई 90 पर्सेंट केस में अरेस्ट नहीं करती है. अरेस्ट किए बिना ही चार्जशीट दाखिल करती है. वह उस वक्त अरेस्ट करते हैं, जब पुख्ता सबूत उनकी टेबल पर आ जाते हैं.'
केजरीवाल को बेल मिलना मुश्किल?
केके मनन ने कहा, 'केजरीवाल के मामले में जज ने ये नहीं कहा कि इंवेस्टिगेशन एजेंसी झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने नाम नहीं लिया है, लेकिन ये कहा है कि मेरे कहने से ये नहीं हुआ है. इसका संदर्भ क्या निकलेगा कि चीफ मिनिस्टर कौन हैं, कैबिनेट मीटिंग कौन हेड करता है, आम आदमी पार्टी के हेड कौन हैं, घर का कर्ता-धर्ता कौन है, फर्म का चेयरमैन कौन है. कानून बहुत क्लीयर है.'
संजय सिंह के खिलाफ केस कमजोर था, बोले वकील केके मनन
केके मनन ने आगे कहा कि उन्होंने संजय सिंह के बारे में कहा था कि उनके खिलाफ केस सबसे ज्यादा कमजोर है और उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया की क्यों आजतक बेल नहीं हुई, सुप्रीम कोर्ट तक में उनको बेल नहीं मिली, क्योंकि प्राइम फेसी उनके खिलाफ केस बनता है. उन्होंने कहा, 'अरविंद केजरीवाल जी को अगर देर से गिरफ्तार किया गया है तो उसके कई कारण हो सकते हैं. वह सिटिंग चीफ मिनिस्टर हैं तो उनको अरेस्ट करना कोई आसान बात नहीं है. उन पर ऐसे कोई हाथ नहीं डाल सकता.'
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