इस्लामाबाद I पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उन्‍होंने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन दूसरी तरफ से अच्‍छा रेस्‍पॉन्‍स नहीं मिला. उन्‍होंने कहा कि भारत में 2019 के आम चुनावों हो जाने के बाद वह फिर से संबंध सुधारने का प्रयास करेंगे. इमरान खान अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अलावा मित्र देशों से आर्थिक मदद लेने के लिए सऊदी अरब के दौरे पर गए हुए हैं.

भारत ने सितंबर में पाकिस्‍तान के साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा से इतर होने वाली बैठक को रद्द कर दिया था. कश्‍मीर में एक बीएसएफ जवान की हत्‍या और आतंकियों पर पाकिस्‍तान के पोस्‍टल स्‍टांप जारी होने के बाद भारत ने यह कदम उठाया था. इसके बाद पाकिस्‍तान ने कहा था कि 2019 में होने वाले चुनावों से पहले भारत बातचीत से बच रहा है और बहाने ढूंढ रहा है.

पाकिस्‍तान की आर्थिक हालत काफी खस्‍ता है और इसे सुधारने के लिए इमरान आईएमएफ और मित्र देशों से लोन मांग रहा है. सऊदी अरब की राजधानी रियाद में उन्‍होंने एक कांफ्रेंस में कहा, 'हम उम्‍मीद कर रहे हैं कि हमें आईएमएफ और मित्र देशों से लोन मिल जाए.'

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्‍तान को दो तेल रिफाइनरियों की भी जरूरत है और इसके लिए वह सऊदी अरब के निवेशकों से भी बात कर रहे हैं. सऊदी अरब के शहजादे मोहम्‍मद बिन सलमान पाकिस्‍तान में निवेश के लिए सऊदी कारोबारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को भी तैयार कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान ने आईएमएफ से भी बेलआउट पैकेज देने की मांग की है.

बता दें कि पाकिस्‍तान पांच साल में दूसरी बार आईएमएफ से बेलआउट पैकेज मांग रहा है. इमरान ने कहा कि पाकिस्‍तान को इस समय शांति और सुरक्षा की सबसे ज्‍यादा जरूरत है.
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