नई दिल्ली I नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सऊदी अरब जैसे तेल उत्पादक देशों से तेल के भावों को कम कर उचित स्तर पर लाने के लिए और अधिक कदम उठाने की अपील की. मोदी ने तेल का उत्पादन एवं निर्यात करने वाले देशों को आगाह किया कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से वैश्विक आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो रहा है.
मोदी ने वैश्विक और घरेलू तेल एवं गैस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों साथ राजधानी में तीसरी सालाना चर्चा में भारत जैसे तेल उपभोक्ता देशों की चिंताओं को सामने रखा. मामले से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में डीजल पेट्रोल और रसाईं गैस के दाम ऊंचे हो गए हैं.
मोदी ने सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल-फालेह की उपस्थिति में कहा कि कच्चे तेल की कीमतें चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ रहा है, मुद्रास्फीति बढ़ रही है और भारत जैसे विकासशील देशों का बजट खराब हो रहा है. मोदी ने कंपनियों के प्रमुखों से यह भी पूछा कि पिछली बैठक में उनके द्वारा दिए सुझावों पर अमल करने के बाद भी देश में तेल एवं गैस के खोज और उत्पादन के क्षेत्र में निवेश क्यों नहीं आ रहा है.
प्रधानमंत्री ने बातचीत तेल एवं गैस बाजार में भारत की उल्लेखनीय स्थिति का उल्लेख भी किया. उन्होंने कहा कि तेल बाजार फिलहाल उत्पादकों के हिसाब से चल रहा है. कच्चे तेल के उत्पादन की मात्रा और उसका मूल्य उत्पादक देश ही तय करते हैं.
अल-फालेह ने इंडिया एनर्जी फोरम में कहा कि मोदी ने कच्चे तेल की अधिक कीमतों से उपभोक्ताओं को हो रही तकलीफ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, ‘हमने आज इसे (उपभोक्ताओं के दर्द को) प्रधानमंत्री से बेहद स्पष्ट तौर पर सुना.’
फालेह ने कहा कि यदि सऊदी अरब ने कदम नहीं उठाए होते तो यह दर्द और अधिक होता. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हम जैसे उत्पादकों को सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को जान से मारने के प्रति सावधान किया. उन्होंने उपभोक्ताओं की तुलना सोने का अंडा देने वाली मुर्गी से की.’
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भारत कई दिक्कतों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में डॉलर के संदर्भ में कच्चा तेल 50 प्रतिशत और रुपये के संदर्भ में 70 प्रतिशत महंगा हो चुका है. इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल रहे.
सूत्रों ने कहा कि बीपी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बॉब डुडले, टोटल के प्रमुख पैट्रिक फोउयाने, रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक पीएमएस प्रसाद और वेदांता प्रमुख अनिल अग्रवाल भी बैठक में उपस्थित रहे. ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के संबंध में चर्चा की गई. इसके अलावा देश में कारोबार करना आसान बनाने के लिए उठाये जाने कदमों तथा निवेश आकर्षित करने के उपायों पर भी चर्चा हुई.
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