नई दिल्ली: देश में गरीबी को कम करने और विकास का फायदा गरीबों तक पहुंचाने के लिये उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करना जरूरी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को यह बात कही.

जेटली ने बचत एवं खुदरा बैंकों के 25वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि विकास की बाट जोह रहा कोई समाज जीवन की गुणवत्ता में सुधार और विकास का फल गरीबों तक पहुंचाने के लिए अनिश्चितकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है.

उन्होंने कहा, 'भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि दर आवश्यक है. हम उच्च आर्थिक वृद्धि के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी के गर्त से उबारना और उनका जीवन सुधारना चाहते हैं. लेकिन हम विकास और प्रगति का फायदा कुछ लोगों तक सीमित रह जाने और बाकी के उससे वंचित होने के जोखिम को लेकर भी सजग है.'

जेटली का कहा कि आर्थिक वृद्धि का प्रभाव निश्चित रूप से दिखेगा लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है और विकास की बाट जोह रहा समाज अनिश्चितकाल तक इसका इंतजार नहीं कर सकता है.
नरेंद्र मोदी सरकार में चलाये गये वित्तीय समावेश अभियान पर बोलते हुये जेटली ने कहा कि हमारा उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से नहीं जुड़े लोगों को बैंक से जोड़ना, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना और पूंजीहीन लोगों को वित्त पोषित करना और जिन क्षेत्रों में सेवाएं नहीं थी, वहां सेवाएं पहुंचाना है.

उन्होंने कहा कि बैंकों खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत कुछ महीनों में 33 करोड़ बैंक खाते खोले. प्रारंभ में यह शून्य रकम खाते खोले गये और धीरे-धीरे लोगों ने इनमें पैसे जमा कराने शुरू कर दिए.
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