नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में किसान एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर चुके हैं. ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC)) के नेतृत्व में देश के 200 से अधिक किसान संगठन 29-30 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने जा रहे हैं. पिछले तीन महीने में ये उनकी तीसरी रैली है. एक अनुमान के मुताबिक, आज की रैली में देशभर से करीब एक लाख 'अन्नदाता' सरकार से हक मांगने सड़कों पर उतरेंगे. 29 तारीख को किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में रात रुकेंगे, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये किसानों की समस्याओं को लोगों के सामने रखा जाएगा.

किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें कर्ज़ से मुक्ति दिलाये और फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग की तकनीकी के आधार पर तय करने के किसानों के कानून को पास करे. माना जा रहा है कि इसका चुनावों पर भी असर पड़ सकता है.

समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बुधवार को बताया कि गुरुवार को रामलीला मैदान में इकट्ठा होने के लिए किसानों के समूह दिल्ली पहुंचने लगे हैं. उन्होंने बताया कि मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में जुट रहे हैं.

मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसान सभा के आयोजन के बाद शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा.

इससे पहले गुरुवार को सुबह दिल्ली के प्रवेश मार्गों से रामलीला मैदान तक किसान मार्च के लिए बिजवासन, मजनूं का टीला, निजामुद्दीन, आनंद विहार पर सभी किसान जुटेंगे. अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अंजान ने बताया कि शुक्रवार को संसद मार्ग पर आयोजित किसान सभा में आंदोलन का समर्थन कर रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शिरकत करेंगे.


इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है. अंजान ने बताया कि शुक्रवार को दो सत्रों में आयोजित किसान सभा के पहले सत्र में किसान नेता आंदोलन के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके बाद दूसरे सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता किसानों को संबोधित करेंगे.
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