नई दिल्ली I रिजर्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है. सूत्रों का कहना है कि सोमवार को रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के पक्ष में हैं. वहीं, आज की बैठक में गवर्नर उर्जित पटेल अपना पक्ष भी रखेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी इस्तीफा देने के बजाय इस बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों का मजबूती से पक्ष रख सकते हैं. बैठक में वह बैड लोन यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) को लेकर केंद्रीय बैंक की कड़ी नीतियों का बचाव कर सकते हैं.

इस बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ स्वतंत्र निदेशक गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं.

सूत्रों ने कहा कि एनपीए के प्रावधानों को लेकर गवर्नर पटेल के साथ में चार डिप्टी गवर्नर संयुक्त रूप से पक्ष रखेंगे. इन्हें कुछ स्वतंत्र निदेशकों का समर्थन मिलने का भी अनुमान है. वित्त मंत्रालय द्वारा नामित सदस्यों समेत कुछ स्वतंत्र निदेशक पटेल पर निशाना साध सकते हैं.

रिजर्व बैंक और सरकार के बीच हाल के समय में तनाव बढ़ा है. वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक अधिनियम की धारा सात के तहत विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है. इस धारा का पहले कभी इस्तेमाल नहीं हुआ है. इस धारा के तहत सरकार को रिजर्व बैंक को निर्देश देने का अधिकार है.

सूत्रों के मुताबिक, अगर इस बैठक में सहमति नहीं भी बन पाई, तो अगले कुछ हफ्ते में त्वरित सुधारात्मक कदम पर सहमति बन जाएगी. इसके तहत कुछ बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक इस रूपरेखा ढांचे के दायरे से बाहर आ सकते हैं. फिलहाल 21 सार्वजनिक बैंकों में से 11 बैंक पीसीए के दायरे में हैं, जिससे उन पर नए कर्ज देने को लेकर कड़ी शर्तें लागू हैं.

इन बैंकों में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं.

बता दें कि रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल में 18 सदस्य हैं. हालांकि, इसमें सदस्यों की संख्या 21 तक रखने का प्रावधान है. सदस्यों में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और चार अन्य डिप्टी गवर्नर पूर्णकालिक आधिकारिक निदेशक हैं. इनके अलावा अन्य शेष 13 सदस्य सरकार द्वारा नामित हैं. सरकार द्वारा नामित सदस्यों में वित्त मंत्रालय के दो अधिकारी आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार शामिल हैं.
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