नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संगम नगरी प्रयागराज पहुंचे और कुंभ कमांड और कंट्रोल सेंटर का लोकार्पण किया और संगम तट पर गंगा पूजन में शामिल हुए। उसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, तप, तपस्या, संस्कृति, संस्कार की धरती तीर्थराज प्रयाग के जन-जन को मेरा सादर प्रणाम!  प्रधानमंत्री ने कहा, कुंभ के लिए कनेक्टिवटी से लेकर यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है। कुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय इस बार भी अनेक नई ट्रेनें चलाने जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से कहा, लोकतंत्र के लिए खड़े होने का नाटक करने वाले राजनीतिक दलों से सावधान रहें।

देश पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली पार्टी ने हमेशा ही खुद को हर कानून, न्याय-पालिका, संस्था और यहां तक कि देश से भी ऊपर माना है। देश की हर उस संस्था को इस पार्टी ने बर्बाद कर दिया जो उसकी मर्जी से नहीं चली, उसके इशारों पर काम करने, झुकने को तैयार नहीं हुई। इसी मनमानी की वजह से हमारे देश की न्याय प्रणाली को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया। इसका सिर्फ एक कारण था कि न्यायपालिका उन संस्थाओं में से एक रही है जो इस पार्टी के भ्रष्ट और निरंकुश तरीकों के खिलाफ खड़ी रहती है। इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि कांग्रेस को न्याय-पालिका क्यों पसंद नहीं है? यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी की सर्वोच्च नेता द्वारा यहां जनमत को अपमानित करने काम किया गया था? क्या ये लोकतंत्र का अपमान नहीं था ?

कांग्रेस की यह प्रवृत्ति रही है। इस प्रवृत्ति में देश की संवैधानिक संस्थाओं को पार्टी के आगे हाथ बांधे खड़ा रहने पर मजबूर किया जाता है।  जो झुकता नहीं उसे तोड़ने की कोशिश की जाती है। ये उनकी राजशाही सोच है जो उन्हें निष्पक्ष संस्थाओं को बर्बाद करने को उकसाती रहती है। हमारे देश में न्यायपालिका देश के संविधान को सर्वोपरि रख कर के काम करती है। लेकिन देश इस बात का भी गवाह रहा है कि न्यायपालिका को अपने हिसाब से मोड़ने के लिए कैसे एक राजनीतिक दल द्वारा लोभ, लालच, सत्ता सबका इस्तेमाल किया जाता रहा है।
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