नयी दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने सरकारी व सहायता प्राप्त तकनीकी शिक्षण संस्थानों को भी एक बड़ा तोहफा दे दिया। सरकार ने इन संस्थानों में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कहा जा रहा है कि इसका फायदा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर आदि तकनीकी संस्थानों के के टीचर्स और सहयोगी स्टॉफ को इसका फायदा होगा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने इस उद्देश्य से 1241 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने संवाददाताओं से कहा, 'इससे राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्थानों के कुल 29264 शिक्षकों तथा अन्य शैक्षणिक कर्मियों को सीधे लाभ होगा।
इसके अलावा, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के दायरे में आने वाले निजी कॉलेजों या संस्थानों के करीब साढे तीन लाख शिक्षकों तथा शैक्षणिक कर्मियों को भी इस मंजूरी से लाभ मिलेगा।'
उन्होंने कहा, 'केन्द्र सरकार सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए बकाये के भुगतान हेतु इन संस्थानों द्वारा किये जाने वाले कुल अतिरिक्त खर्च के 50 प्रतिशत का वहन भी करेगी।' मंत्री ने कहा कि इस कदम से प्रौद्योगिकी संस्थानों को उच्च शैक्षणिक मानकों के शिक्षकों को लुभाने और उन्हें बनाए रखने में मदद मिलेगी।
कुछ राज्य अपने यहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को पहले ही लागू कर चुके हैं। हाल ही में महाराष्ट्र ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी।टीचर्स के  के लिए ऐलान होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों की राह भी खुलती नजर आ रही है। 
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