बेंगलुरु I कर्नाटक में सियासी घमासान के बीच बजट सत्र शुरू होने वाला है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि कांग्रेस विधानसभा स्पीकर के लगातार संपर्क में है. वर्तमान में रमेश कुमार स्पीकर हैं जो कांग्रेस के ही नेता हैं. कांग्रेस को आशंका है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है.
कांग्रेस को इस बात का भी अंदेशा है कि कहीं बजट बिल पारित कराने के लिए बीजेपी वोट डिविजन की मांग न उठा दे क्योंकि बजट बिल गिर जाता है तो यह जेडीएस-कांग्रेस सरकार के लिए काफी शर्मनाक बात होगी. बजट सत्र के लिए व्हिप जारी करने की भी संभावना है ताकि दलबदल कानून का उल्लंघन करने वाले विधायकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कार्रवाई की जा सके.
कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की चिंता नहीं है क्योंकि स्पीकर उसी पार्टी के हैं और वे ऐसे वोटों को दरकिनार कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए. फिलहाल जेडीएस-कांग्रेस के पास 118 विधायक हैं जिनमें 4 बागी बताए जा रहे हैं. एक विधायक गणेश कुछ दिन के लिए निलंबित किए गए हैं. कांग्रेस को इन 5 विधायकों के वोट की उम्मीद भी नहीं है, इसलिए उसका संख्याबल 113 है. यह संख्या कुल विधायकों का आधा है क्योंकि कर्नाटक एसेंबली में 226 विधायक हैं. सरकार चलाने के लिए जेडीएस-कांग्रेस को 1 और संख्या चाहिए होगी.
इस बीच एक खबर ये आई है कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर फरवरी के पहले हफ्ते में बैठक हो सकती है. दोनों पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर बात फंसी है जिस कारण विधायक बागी बताए जा रहे हैं. सीट शेयरिंग पर चर्चा की जानकारी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुंडू राव ने दी. राव ने कहा, 'तारीख निश्चित हो गई है, हम जल्द इसे कंफर्म करेंगे...इस बारे में सबसे बात चल रही है. संभवतः फरवरी के पहले हफ्ते में चर्ची की जा सकती है.'
दोनों पार्टियों में तनातनी की खबरों के बीच मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा है कि अगर कांग्रेस अपने विधायकों को आलोचना करने से नहीं रोक सकती तो वह अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. कुमारस्वामी ने कहा, "अगर किसी को मेरे काम करने का तरीका पसंद नहीं है तो मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. कांग्रेस को अपने विधायकों को काबू में करना चाहिए और मामले को सुलझाना चाहिए. अगर वे खुली बैठकों में मेरे खिलाफ टिप्पणी करते रहेंगे तो मैं इस्तीफा देना चाहूंगा."
कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक ने अभी हाल में आरोप लगाया था कि कुमारस्वामी राज में पिछले सात महीनों में कोई विकास का काम नहीं हुआ है और दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उनके नेता हैं और वह एक बेहतर मुख्यमंत्री थे. कुमारस्वामी ने कहा, "मैं कुर्सी से चिपके नहीं रहना चाहता हूं. उप मुख्यमंत्री (जी. परमेश्वरा) और मैं अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं और एकसाथ काम कर रहे हैं."
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