मैनपुरी: दो चरण की वोटिंग होने के बाद उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार जोरों पर है। आज मैनपुरी में एक ऐसा अनूठा नजारा देखने को मिल सकता है जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो। सपा—बसपा—रालोद (SP-BSP-RLD) महागठबंधन की चौथी रैली में बसपा अध्यक्ष मायावती अपने दशकों पुराने प्रतिद्वंद्वी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के लिये वोट मांगेंगी। मैनपुरी की क्रिश्चियन फील्ड में होने वाली इस रैली में मायावती और मुलायम के मंच साझा करने की सम्भावना है। इसके जरिये महागठबंधन प्रतिद्वंद्वियों को यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि सभी दल भाजपा के खिलाफ एकजुट हैं।
सपा के जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा ने बताया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा मुखिया मायावती और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह रैली को सम्बोधित करेंगे। इस मौके पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहेंगे। शुरू में ऐसी खबरें थीं कि मुलायम रैली में शामिल नहीं होंगे। वर्मा ने बताया कि रैली स्थल पर 40 लाख लोगों को जुटाने की तैयारी की गयी है। इस बीच, बसपा जिलाध्यक्ष शिवम सिंह ने बताया कि मायावती शुक्रवार को सैफई के रास्ते मैनपुरी पहुंचेंगी।
24 साल पहले 1995 में लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस कांड को कौन भूल सकता है। सत्ता हस्तांतरण को लेकर एसपी-बीएसपी के बीच गठबंधन हुआ था। शर्तों के तहत एसपी और बीएसपी को ढाई-ढाई साल तक यूपी की जनता का कल्याण करना था। मुलायम सिंह यादव को सत्ता मायावती के हाथों में सौंपनी थी। लेकिन जब वो समय आया लखनऊ का स्टेट गेस्ट हाउस एक ऐसी घटना का गवाह बना जिसे देश और दुनिया स्टेट गेस्ट हाउस कांड के नाम से जानती है।
मुलायम सिंह को खबर मिली कि मायावती लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस में विधायकों के साथ बैठक कर रहीं थीं और वो बीजेपी के साथ जा सकती हैं। इतने में एसपी के कार्यकर्ता और विधायक वहां पहुंचे और बीएसपी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने लगे। कहा जाता है कि इस दौरान मायावती पर भी हमला करने की कोशिश की गई। मायावती की जान किसी तरह से बची थी और उन्हें बचाने के लिए बीजेपी के कद्दावर नेता आए जिसमें लाल जी टंडन प्रमुख थे
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले सपा से हाथ मिलाने के बाद मायावती स्पष्ट कर चुकी हैं कि दोनों पार्टियों ने भाजपा को हराने के लिये आपसी गिले—शिकवे भुला दिये हैं। अब सबकी निगाहें कल मायावती के सम्बोधन पर होंगी।
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