नई दिल्ली: भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ रुपये का चूना  लगाने के बाद फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। माल्या ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उनकी और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। माल्या ने इसी तरह की अपील बॉम्बे हाइकोर्ट में भी दायर की थी जिसे 11 जुलाई को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस याचिका पर अब 29 जुलाई को सुनवाई होगी।
संपत्ति को कुर्क करने से रोका जाए
 विजय माल्या ने अपनी याचिका में कहा है कि अनियमितताओं के कथित मामलों को लेकर किंगफिशर एयरलाइंस के अलावा उसकी किसी भी संपत्ति को कुर्क नहीं किया जाना चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब माल्या ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया हो, पिछले महीने ही माल्या ने कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था जिसके खारिज कर दिया गया था। तब माल्या ने अपने खिलाफ धन शोधन रोकथान कानून के तहत चल रहे मामलों को रोकने का अनुरोध किया था। 
आर्थिक अपराधी घोषित कर चुकी है अदालत
विजय माल्या ने भारतीय बैंको को 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया था। इसी साल 5 जनवरी को एक विशेष पीएमएलए अदालत ने माल्या को आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था जिसके बाद अदालत ने उनकी संपत्तिया कुर्क करने का आदेश दिया था। माल्या ने कोर्ट के इस आदेश को हाइकोर्ट में चुनौती दी हुई है जो भी लंबित है।

ब्रिटेन में भी कोर्ट के चक्कर काट रहा है माल्या
विजय माल्या इस समय ब्रिटेन में भी प्रत्यपर्ण की कार्रवाई का सामना कर रहा है। भारतीय बैंको से लिए गए कर्ज को नहीं चुका पाने के कारण माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर ब्रिटेन चल गया था। भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन से अनुरोध किया था। फिलहाल माल्या जमानत पर बाहर है और प्रत्यर्पण मामले में अगली सुनवाई फरवरी 2019 में होनी है।

कर्ज चुकाने की पेशकश
अपने ऊपर लगातार हो रही कार्रवाई के बाद मा्लया ने कुछ समय पहले बैंको से कर्ज के रूप में ली गई पूरी रकम को लौटाने की भी पेशकश की थी। माल्या ने ट्वीट कर कहा था, 'मैं किंगफिशर के 100 प्रतिशत बकाया को चुकाने की पेशकश कर रहा हूं, लेकिन बैंक इसके लिए तैयार नहीं हैं।' किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या फिलहाल को बैंकों के कर्ज में हेरीफेरी और मनी लांड्रिंग जैसे आरोपों में भारतीय एजेंसियों को तलाश है
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