नई दिल्ली: डिजिटल वैलेट पेटीएम ने उन खबरों का खंडन कर दिया, जिनके अनुसार, वह अपने प्लेटफॉर्म्स पर डिजिटल ट्रांजेक्शंस के लिए यूजर्स पर चार्ज लगाने वाली है। नोएडा स्थित कंपनी ने एक बयान में कहा, 'हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि वन97 कंम्यूनिकेशंस लिमिटेड के अधिग्रहण वाला पेटीएम एप/पेमेंट गेटवे अपने उपभोक्ताओं से कार्डस, यूपीआई, नेट बेंकिंग और बैलेट जैसे किसी भुगतान के लिए किसी सुविधा या भुगतान शुल्क के तौर पर रुपए नहीं लेता है।'
कंपनी ने कहा, 'पेटीएम उपभोक्ता इस प्लेटफॉर्म पर सभी सुविधाओं को बिना किसी शुल्क के उपयोग करते रहेंगे।' इकोनॉमिक टाइम्स की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम कथित तौर पर क्रेडिट कार्ड्स के माध्यम से भुगतान करने पर एक प्रतिशत, डेबिट कार्ड्स के माध्यम से भुगतान करने पर 0.9 प्रतिशत और नेटबैंकिंग तथा यूपीआई आधारित माध्यमों से भुगतान करने पर 12-15 रुपए तक वसूल करेगा।
कंपनी ने किया साफ
डिजिटल पेमेंट कंपनी के अनुसार, शैक्षणिक सेवा या लाभ सेवा प्रदाता जैसे कुछ व्यापारिक संस्थान हैं जो क्रेडिट कार्ड का शुल्क नहीं काट सकते हैं और ग्राहकों से इसी माध्यम से भुगतान की अपेक्षा करते हैं। कंपनी ने कहा, 'ऐसे मामलों में हमने यूजर्स को इन शुल्कों से बचने के लिए डेबिट कार्ड्स और यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने की सलाह दी है। हम इस पर जोर देना चाहेंगे कि पेटीएम ये शुल्क किसी भी परिस्थिति में नहीं लेती।' कंपनी ने कहा कि उसका भविष्य में भी ऐसा कोई शुल्क वसूलने की योजना नहीं है।

पेटीएम को है बड़ी उम्मीद
पेटीएम को उम्मीद है कि 2019 के आखिर तक हर तिमाही में उसके मंच से होने वाले लेनदेन की संख्या दो अरब के आंकड़े को पार कर जाएगी। पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक एबॉट ने बयान जारी कर कहा, 'पेटीएम भारत में भुगतान बाजार के विस्तार के लिए तैयार है और कंपनी का लक्ष्य इस साल के आखिर तक एक तिमाही में दो अरब लेनदेन का आंकड़ा प्राप्त करना है।'
एबॉट ने बयान जारी कर बताया कि 80 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ कंपनी पहले ही ऑफलाइन व्यापारी भुगतान (पी2एम) के मामले में बाजार में अग्रणी है। कंपनी विभिन्न सेवाओं के लिए बिल के भुगतान, सामानों की खरीदारी एवं यूपीआई के जरिए रुपए के हस्तानांतरण जैसी सेवाएं प्रदान करती है। पेटीएम का दावा है कि उसने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1.6 अरब लेनदेन का आंकड़ा छू लिया है।
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