नई दिल्ली I शॉर्ट विडियो शेयरिंग प्लैटफॉर्म TikTok तेजी से पॉप्युलर हुआ है और इसके साथ ही यह स्कैमर्स के निशाने पर आ चुका है। Sensor Tower की Q2 2019 रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सेकेंड का शॉर्ट विडियो मेकिंग ऐप दुनियाभर में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए ऐप्स में चौथी पोजीशन पर पहुंच चुका है। यह ऐप भारत में और बाकी देशों में यूजर्स के बीच पॉप्युलर है और यही वजह है कि स्कैमर्स की नजर इसके बड़े यूजरबेस पर है। साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी Tenable ने एक 50 पन्ने की रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकटॉक जल्द अडल्ट-डेटिंग स्कैम्स और फेक अकाउंट्स वाला प्लैटफॉर्म बनने जा रहा है। टिकटॉक ने रिपोर्ट के बाद कई अकाउंट प्लैटफॉर्म से हटाएं हैं और बेहतर सिस्टम डिवेलप कर रहा है।
रिपोर्ट में बताए गए सभी स्कैम्स में से यूजर्स को अडल्ट डेटिंग साइट के लिए साइन-अप करवाने से जुड़ा स्कैम सबसे कॉमन है। Tenable के सतनाम नारंग ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा, 'टिकटॉक ऐप तेजी से पॉप्युलर हुआ है और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि इसने स्कैमर्स का ध्यान खींचा है। फिलहाल, ऐप पर ऐसे स्कैम्स अपनी शुरुआती स्थिति में हैं।' अडल्ट डेटिंग साइट पर यूजर्स को नेविगेट करने से जुड़े स्कैम की बात करें तो कुछ अकाउंट्स पर इंस्टाग्राम औप स्नैपचैट से चुराई गईं महिला यूजर्स की न्यूडिटी से जुड़ी फोटोज शेयर की जा सकती हैं और यहां से यूजर्स को अडल्ट साइट्स पर नेविगेट किया जाएगा। सामने आया है कि आने वाले दिनों में प्लैटफॉर्म पर स्कैमर्स तेजी से बढ़ेंगे और ढेरों फेक अकाउंट्स भी देखने को मिलेंगे।
न्यूडिटी से जुड़े फेक अकाउंट्स
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे प्रोफाइल ऐप के 'For You' सेक्शन में दिखते हैं। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि टिकटॉक ऐप का एल्गोरिथ्म किस काम करता है और ऐसे प्रोफाइल यूजर्स को ऊपर क्यों दिखते हैं। यूजर्स को सीधे डेटिंग वेबसाइट पर ले जाने के बजाय स्कैमर उन्हें स्नैपचैट अकाउंट पर लेकर जाता है, जहां न्यू़डिटी से जुड़े विडियोज दिखाए जाते हैं। नारंग ने लिखा, 'अगर कोई टिकटॉक यूजर अडल्ट थीम वाले स्नैपचैट अकाउंट्स को ऐड करने के लिए स्नैपचैट पर मूव करता है तो उसे स्नैपचैट स्टोरीज दिखाई जाती हैं, जिनका कंटेंट अनजान महिलाओं के सेक्सुअल ऐक्ट्स या न्यूडिटी से जुड़ें विडियोज हो सकते हैं।' यहां से यूजर्स को अडल्ट डेटिंग साइट पर नेविगेट किया जाता है और साइन अप करने को कहा जाता है।
अडल्ट साइट्स पर साइन-अप
ऐसी ज्यादातर साइट्स शुरू में ही यूजर की उम्र या डीटेल्स पूछती हैं, जिन्हें भरने के बाद उन्हें मेन साइट पर भेजा जाता है। ऐसे में उन्हें दोबारा नया साइन-अप पेज भी दिख सकता है। स्कैमर्स ऐसे में रेवन्यू जेनरेट करने के लिए कॉस्ट-पर-ऐक्शन (सीपीए) नेटवर्क की मदद लेते हैं। इसका मतलब है, हर बार नए यूजर को वेबसाइट तक लाने पर उन्हें पेमेंट किया जाता है। Tenable की ओर से शेयर की गई ऐसी एक वेबसाइट flirt.com है। नारंग ने कहा, 'सीपीए नेटवर्क्स flirt.com का एडवर्टाइज करते हैं और इसके बदले स्कैमर को 1 डॉलर से लेकर 10 डॉलर तक का पेमेंट किया जाता है। यह रकम इस बात पर निर्भर करती है कि साइट पर आने वाला यूजर किस क्षेत्र विशेष का है या उसकी उम्र कितनी है।'
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