नई दिल्ली। आईफोन को लेकर गूगल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। गूगल के सिक्युरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले करीब दो साल से आईफोन हैकिंग ऑपरेशन का शिकार हो रहा है। हैकर्स मलीशियस वेबसाइट्स के जरिये आईफोन से डाटा चुरा रहे हैं। तस्वीरें, यूजर की लोकेशन जैसी संवेदनशील जानकारियां हैकर्स के हाथ पहुंच रही हैं। जबकि व्हाट्सएप, टेलीग्राम और जीमेल को भी कंट्रोल किया जा रहा है।
गूगल के प्रोजेक्ट जीरो सिक्युरिटी टास्कफोर्स ने गुरुवार को ब्लॉग पोस्ट कर यह जानकारी दी। हालांकि इस पोस्ट में मलीशियस वेबसाइट्स के नाम नहीं दिए गए लेकिन सिक्युरिटी एक्सपर्ट्स ने दावा किया कि जांच में हर सप्ताह हैकिंग के हजारों मामले में देखने को मिले। प्रोजेक्ट जीरो के इयान बीयर ने कहा, मलीशियस वेबसाइट पर विजिट करना डिवाइस पर अटैक कराने जैसा है और अगर हैकर्स इसमें सफल हो जाते हैं तो आपके महंगे स्मार्टफोन में मॉनिटर करने वाले दूसरे टूल डाले जा सकतै हैं। 

टूल इंस्टॉल होने के बाद मलीशियस वेबसाइट फाइलों को चुराने और लाइव लोकेशन डाटा अपलोड कर सकती है। इतना ही नहीं यह टूल टेलीग्राम, व्हाट्सएप और आईमैसेज जैसे एप यूज करने में भी सक्षम हो सकते हैं। ये मलीशियस वेबसाइट्स आईफोन की खामियों का फायदा उठा कर स्मार्टफोन को हैक करने के लिए ही बनाई गई हैं। हर हफ्ते इस तरह की वेबसाइट पर हजारों बार लोग विजिट करते हैं और ये कम से कम दो साल से चल रहा है। इतना ही नहीं गूगल हैंगआउट और जीमेल भी इससे प्रभावित हुए हैं। 
‘सफारी’ में दिखी खामियां
बीयर ने बताया कि अधिकतर खामियां आईफोन के डिफॉल्ट वेब ब्राउजर सफारी में देखने को मिली। इसके जरिये आईओएस 10 से लेकर आईओएस 12 के ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रभावित किया जा सकता है। बीयर ने कहा कि गूगल ने एपल को फरवरी में इसकी सूचना दे दी थी और इसके तहत एपल ने आईओएस 12.1 के लिए एक सुरक्षा पैच जारी किया।
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