नई दिल्ली. छह लाख से ज्‍यादा ईपीएस पेंशनर्स के लिए अच्‍छी खबर है. 1 अप्रैल से EPS पेंशनर्स को ज्यादा पेंशन मिलेगी. सरकार ने रिटायरमेंट के 15 साल बाद पूरी पेंशन का प्रावधान बहाल कर दिया है. इस नियम को 2009 में वापस ले लिया गया था. श्रम मंत्रालय ने नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है. इसके अलावा कर्मचारी भविष्‍य निधि (ईपीएफ) स्‍कीम के तहत पीएफ खाताधारकों के लिए पेंशन के कम्यूटेशन यानी एकमुश्त आंशिक निकासी का प्रावधान भी अमल में आ गया है. यह कदम खासतौर से उन ईपीएफओ पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा जो 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हुए हैं और पेंशन की आंशिक निकासी का विकल्‍प चुना है. कम्‍यूटेड पेंशन का विकल्‍प चुनने की तारीख से 15 साल बाद उन्‍हें पूरी पेंशन का फायदा दोबारा मिलने लगेगा.

क्‍या है नियम?
कर्मचारी पेंशन स्‍कीम (ईपीएस) के नियमों के अनुसार, 26 सितंबर, 2008 के पहले रिटायर हुए ईपीएफओ मेंबर अपनी पेंशन का अधिकतम एक-तिहाई एकमुश्‍त यानी कम्‍यूटेड पेंशन के तौर पर पा सकते हैं. बाकी की दो-तिहाई पेंशन उन्‍हें जिंदगीभर मासिक पेंशन के तौर पर मिलती है

पहले 15 साल के बाद पूरी पेंशन की बहाली का प्रावधान था. इसे सरकार ने 2009 में वापस ले लिया था. 20 फरवरी, 2020 को जारी नोटिफिकेशन से ऐसे कर्मचारियों को फायदा होगा, क्‍योंकि 15 साल बाद उन्‍हें दोबारा पूरी पेंशन मिलने लगेगी. इस तरह अगर कोई एक अप्रैल, 2005 को रिटायर हुआ है तो 1 अप्रैल, 2020 यानी 15 साल बाद ज्‍यादा पेंशन का हकदार हो जाएगा.

क्‍या होता है कम्‍यूटेशन?
पीएफ खाताधारक अपनी रिटायरमेंट के बाद पेंशन की जो राशि प्रति महीने पाने के हकदार हैं, उसमें से एक निश्चित राशि अगर एडवांस में एकमुश्त निकालते हैं, तो उसे पेंशन का कम्यूटेशन कहते हैं. 26 सितंबर 2008 से पहले यह नियम था कि पीएफ खाताधारक रिटायरमेंट के बाद अपने 100 महीने की पेंशन का एक-तिहाई हिस्सा एकमुश्त एडवांस में निकाल सकते थे. 15 साल के बाद पूरी पेंशन की बहाली का प्रावधान था. 20 फरवरी, 2020 को जारी नोटिफिकेशन से ऐसे कर्मचारियों को फायदा होगा क्‍योंकि 15 साल बाद उन्‍हें दोबारा पूरी पेंशन मिलने लगेगी. इस तरह अगर कोई एक अप्रैल, 2005 को रिटायर हुआ है, तो 1 अप्रैल, 2020 यानी 15 साल बाद ज्‍यादा पेंशन का हकदार हो जाएगा.
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