महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने महायुति सरकार में 100 दिन पूरे कर लिए. इस अवसर पर उन्होंने शरद पवार से अलग होकर दूसरा गुट बनाने के फैसले को सही ठहराया.

 डिप्टी सीएम अजित पवार  के गुट वाली एनसीपी ने सरकार में अपने 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इस अवसर पर अजित पवार ने प्रेरक हस्तियों को याद करते किया.  साथ ही खुला खत लिखकर जनता की समस्याओं का काम के जरिए हल करने का संकल्प लिया. बता दें कि अजित पवार के साथ उनके गुट के 8 विधायक 2 जुलाई को बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए थे. 

अजित पवार ने अपने खुले खत में लिखा कि रोजगार, सभी सामाजिक वर्गों का आर्थिक सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य,  जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना सरकार का उद्देश्य है और एनसीपी सत्ता के जरिए इन पर और अधिक मजबूती से काम करेगी. अजित पवार ने छत्रपति शिवाजी महाराज, ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहू महाराज, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जैसी विभूतियों को भी याद किया.

राजनीति के लिए आलोचना नहीं पसंद - अजित पवार
अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी से अलग होने के कदम को न्यायोचित करार दिया. अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में कई बार कई बड़े नेताओं ने प्रचलित राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के आधार पर महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. अपनी आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने लिखा कि ''यह किसी भी राजनेता के जीवन का हिस्सा होता है और मैंने हमेशा 'रचनात्मक आलोचना' को सराहा है.'' लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उन्हें राजनीति के लिए की जाने वाली आलोचना पसंद नहीं है. 

सकारात्मक राजनीतिक में है विश्वास- अजित पवार
अजित पवार ने कहा, ''मैं एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं. जो सकारात्मक, विकासात्मक राजनीति में विश्वास करता है. मेरा उद्देश्य जनता के लिए काम करना और सेवा के माध्यम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है.'' डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने खुले खत में किसानों, युवाओं, महिलाओं और अन्य सामाजिक समूहों के हितों के लिए काम करने और पिछले 100 दिनों जो उन्होंने किया है, उसी रास्ते पर आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता जाहिर की.

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