नई दिल्ली: देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। रक्षा मंत्री ने सैन्य पुलिस में महिलाओं को बतौर जवान भर्ती करने की मंजूरी दे दी है। अब तक महिलाओं को आर्मी में बतौर अफसर भर्ती होने की इजाजत होती थी और उसमें भी उनके लिए ब्रांच पहले से तय थीं। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा, 'ग्रेड के आधार पर मिलिट्री सैन्य पुलिस में महिलाओं को 20 प्रतिशत जगह दी जाएगी।'
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सेना पुलिस में महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा और अंतत: सेना पुलिस में इनकी संख्या 20 प्रतिशत तक हो जाएगी। सेना प्रमुख विपिन रावत ने महिलाओं को सेना पुलिस में शामिल करने की घोषणा पिछले वर्ष की थी। इसका मकसद सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। 

रक्षा मंत्री के आधिकारिक हैंडल से किए गए कई ट्वीट में कहा गया, ‘हमारे सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए श्रीमती एन सीतारमण ने पहली बार सेना पुलिस के कोर में पीबीओआर (पर्सनल बिलो ऑफिसर रैंक) भूमिका में महिलाओं को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।’
इसमें आगे कहा गया, ‘महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा जिससे सेना पुलिस के कोर में इनकी संख्या 20 फीसद तक हो जाएगी।’ इसमें इनकी भूमिका जरूरत पड़ने पर सेना की मदद करने से ले कर बलात्कार तथा छेड़छाड़ से जुड़े मामलों की जांच करने तक होगी।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष रावत ने कहा था कि महिलाओं को लड़ाकू भूमिकाओं प्रदान करने की मंजूरी की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और महिलाओं को सेना पुलिस में भर्ती किया जाएगा। इसके लिए सेना ने सेना पुलिस में कम से कम 800 महिलाओं को शामिल करने की योजना तैयार की है। इसके तहत प्रति वर्ष 52 महिला जवानों को भर्ती किया जाएगा। वर्तमान में महिलाओं को सेना में चिकित्सा, कानून, शिक्षण, सिग्नल तथा इंजीनियरिंग जैसी शाखाओं में जाने का विकल्प मिलता है।
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