नई दिल्ली I सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर अहम सुनवाई होगी. इसके लिए टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इन दलों की मांग है कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए.

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था. आयोग ने इसे मान भी लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा. अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है.

हर विधानसभा क्षेत्र में 5 ईवीएम की होगी जांच

गौरतलब है कि अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है जो अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़कर 20625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा. वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है. एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीएम के वीवीपीएटी पेपर्स से मिलान कराया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी. उधर 21 राजनीतिक दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपीएटी पेपर स्लिप के मिलान की मांग की है.

21 विपक्षी दलों ने डाली है याचिका

सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ'ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई है. याचिका में उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए.

क्या है विपक्ष का आरोप

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दुनिया के 191 देशों में से मात्र 18 देशों ने ईवीएम को अपनाया है, जिनमें से 3 देश 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं. नायडू ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और उनमें गड़बड़ी भी पैदा होती है. इसके अलावा इनकी प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है. उन्होंने यह जानने की मांग की कि नए वीवीपैट में वोटर स्लिप मात्र 3 सेकेंड में कैसे दिखाई देता है, जबकि इसे 7 सेकेंड में दिखाई देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ईवीएम से छेड़छाड़ कर वोट हासिल कर सकती है.
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