न्यूयॉर्क I पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर का मुद्दा दुनिया के कई देशों के सामने उठा चुके हैं, लेकिन हर जगह से उनको मुंह की खानी पड़ी है. अलग-अलग मंचों से नाकामी मिलने के बाद इमरान अब हार भी मान चुके हैं. उन्होंने स्वीकार कर लिया है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने प्रयासों में विफल रहा है. इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हैं.

बता दें कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर कई बार मात खा चुका है. जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से वो बौखलाया हुआ है. उसने भारत के खिलाफ देशों को भड़काने की कोशिश की, लेकिन उसे हार ही मिली.  इमरान ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूं. यदि आठ मिलियन यूरोपीय या यहूदी या यहां तक ​​कि आठ अमेरिकियों को घेराबंदी में रखा गया होता, तो क्या तब भी यही प्रतिक्रिया होती? लेकिन हम दबाव डालते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि कश्मीर से एक बार कर्फ्यू हटता है तो अल्लाह जानता है कि उसके बाद क्या होगा. आपको लगता है कि कश्मीरी चुपचाप स्वीकार कर लेंगे. इमरान ने ये बातें पाकिस्तानी पत्रकारों से कही. इस दौरान उनके साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे.

बता दें कि पीएम मोदी और इमरान खान दोनों यूएनजीए के लिए न्यूयॉर्क में हैं. दोनों नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी कीं. ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की अपनी पेशकश को नए सिरे से रेखांकित किया कि वह ऐसा केवल तभी करेंगे जब दोनों पक्षों द्वारा कहा जाएगा.
इमरान खान ने भारत के आर्थिक कद और वैश्विक प्रमुखता को भी स्वीकार किया और बताया कि कश्मीर पर पाकिस्तान के बयान की अनदेखी क्यों की जा रही है. इमरान ने कहा कि भारत में 1.2 बिलियन लोग हैं और दुनिया उन्हें बाजार के रूप में देखती है.
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