वाशिंगटन I अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया की औपचारिकता शुरू हो चुकी है। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग पर 31 अक्तूबर को अमेरिकन हाउस में वोटिंग होगी।
हाउस अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने सोमवार को घोषणा की कि ट्रम्प और यूक्रेन में महाभियोग की जांच की प्रक्रियाओं को औपचारिक रूप देने के लिए सदन गुरुवार को मतदान करेगा, पहली बार सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड किया जाएगा।

महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप को पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो कि ट्रंप के ही के खिलाफ मतदान करें। 

बता दें कि अमेरीका के प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया की शुरुआत की।  महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप को पद से हटाने के किसी भी प्रयास के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने ही राष्ट्रपति के खिलाफ जाए। अभी तक अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है।  

गौरतलब है कि ट्रंप पर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को नुकसान पहुंचाने के मकसद से यूक्रेन से जानकारियां साझा करने के आरोप हैं। हालांकि ट्रंप इससे इनकार करते रहे हैं जबकि चीन और यूक्रेन से उन्होंने सार्वजनिक रूप से बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ जांच शुरू करने को लेकर मदद मांगी है। व्हाइट हाउस पर भी आरोप है कि उसने राष्ट्रपति से संबंधित आरोपों के दस्तावेजों को पलटा है। 


क्या हैं पूरा मामला?
अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की हैं। 

इंडेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत को तत्काल ध्यान में लेने योग्य और विश्वसनीय माना था, उस शिकायत की कॉपी की डेमोक्रेट्स ने संसद में मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इसकी प्रति मुहैया कराने से इनकार कर दिया। 

दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा ना करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी। 

हालांकि ट्रंप ने माना है कि उन्होंने जेलेंस्की से जो बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए। 
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours