नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग पिछले कुछ दिनों से हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को फोन कर इसकी जानकारी ले रहे हैं. वैसे तो ज्‍यादातर हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसीज कोरोना कवर दे रही हैं. लेकिन अगर किसी ने हाल में पॉलिसी ली है तो उसे इसका फायदा एक महीने के बाद ही मिलेगा. हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) के जानकारों का कहना है कि यदि आपने पहले से ही कोई पॉलिसी ले रखी है तो फिर कोरोना वायरस उस दायरे में आएगा. हालांकि कोरोना से पीड़ित होने के बाद ही यदि आप कोई पॉलिसी लेते हैं तो फिर उसमें इसके इलाज को कवर नहीं किया जाएगा. अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के कवरेज में कोरोना को शामिल किया गया है. लेकिन अपनी पॉलिसी के कुछ शर्तों को आपको पढ़ लेना चाहिए.

कोरोना वायरस की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस में बढ़ी डिमांड- जैसे-जैसे भारत में कोरोना से जुड़े मामले बढ़ते जा रहे हैं हेल्थ इंश्योरेंस की मांग भी बढ़ रही है. पॉलिसी बाजार का कहना है कि इस महामारी के बाद से करीब हेल्थ इंश्योरेंस के लेकर डिमांड में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है .

क्या कोरोना का इलाज मौजूदा पॉलिसी में कवर होगा- 
कोरोना वायरस को भी डेंगू, मलेरिया या अन्य किसी भी अचानक होने वाली बीमारी की तरह ही कवर किया जाएगा. अधिकतर पॉलिसी में कोरोना जैसी बीमारियों के 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता . इसके बाद ही आप इसका फायदा उठा पाएंगे .

रेलिगेयर हेल्थ के प्रोडेक्ट हेड कहते हैं कि पालिसी खरीदने के 30 दिन बाद से इस तरह की बीमारी कवर होती है. यानी कि अगर अगर उन्होंने आज पॉलिसी ली है तो आज से 30 दिन बाद से जो भी का मेडिकल का खर्चा होगा कोरोना को कवर्ड होगा.  लेकिन यहां पर मैं यह भी कहूंगा कि यह जो 30 दिन का पीरियड है यह कुछ पॉलिसी में कम या ज्यादा हो सकता है तो कस्टमर अपने पॉलिसी के दस्तावेज़ को ठीक से पढ़ें.

हेल्थ पॉलिसी में आज ही करें चेक- पॉलिसी बाजार डॉट कॉम की हेल्थ डिविजन के बिजनेस हेड अमित छाबड़ा कहते हैं कि किसी भी कस्टमर के लिए जिसके पास ऑलरेडी एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है उनको यह देखना चाहिए कि उनकी पॉलिसी में कोई एक्सक्लूजन तो नहीं है.
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