नई दिल्ली I अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे भारत को अनुदान के तौर पर वेंटिलेटर्स देंगे. ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा, मुझे गर्व है कि अमेरिका भारत के मेरे दोस्तों को वेंटिलेटर्स का दान करेगा. हम इस महामारी के दौर में भारत के साथ हर वक्त खड़े हैं. हम लोग वैक्सीन बनाने में भी एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा, हम साथ मिलकर कोरोना जैसे दुश्मन को मात देंगे.
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा, भारत बहुत महान देश है और प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं. मैं कुछ दिन पहले ही भारत से लौटा हूं और हमलोग एक साथ (पीएम मोदी) रहे. राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में नई दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा दौरे का जिक्र किया. इससे पहले व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप बहुत खुश हैं. भारत अमेरिका का एक बड़ा साझीदार बन गया है. इसी मामले में सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि अमेरिका भारत को 200 वेंटिलेटर्स दे सकता है. ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत और अमेरिका मिलकर वैक्सीन बना रहे हैं जिसे लोगों को मुफ्त में दिया जा सकता है.
इससे पहले भारत ने भी अमेरिका के साथ दोस्ती निभाते हुए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई भेजी थी. ट्रंप ने इसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था. ट्रंप के आग्रह को स्वीकार करते हुए सरकार ने दवा की बड़ी खेप अमेरिका भेजी थी. अमेरिका ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत यह दवा मांगी थी. भारत में इस दवाई का निर्माण बड़े स्तर पर होता है, लिहाजा अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप की मांग फौरन पूरी कर दी गई. ट्रंप ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था.
भारत ने 5 करोड़ टेबलेट हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन अमेरिका के लिए भेजे थे जिसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के इलाज में किया गया. अब अमेरिका ने इसी दोस्ती की बात करते हुए भारत को वेंटिलेटर्स देने की बात कही है. ट्रंप ने कहा कि वे भारत में अपने दोस्तों के लिए वेंटिलेटर्स देना चाहते हैं. बता दें, भारत में काफी तेजी से कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. यहां 81 हजार के पार मरीजों का आंकड़ा पहुंच गया है. भारत में कोराना से 2 हजार 649 लोगों की जान जा चुकी है. देश भर में 24 घंटे में करीब चार हजार कोरोना पीड़ितों की और संख्या बढ़ी है. हालांकि अमेरिका में हालात ज्यादा भयावह हैं जहां कुल 85 हजार 886 मौतों के साथ ही संक्रमण के सबसे अधिक 14 लाख 17 हजार 512 मामले दर्ज किए गए हैं.
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