संसद के निचले सदन लोकसभा में हंगामे के आसार की उम्मीद तभी की जाने लगी थी, जब ये तय हुआ कि आज राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने वाले हैं. उन्होंने संसद सत्र के शुरुआती दिनों में नीट पेपर लीक, अग्निवीर और किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी. मगर उनसे कहा गया था कि जब आपको समय दिया जाएगा, तब आप अपनी बात रखिएगा. यही वजह थी कि जब राहुल को मौका मिला तो उन्होंने फ्रंटफुट पर बैटिंग की और सत्ता पक्ष को बैकफुट पर धकेल दिया.
इस्लाम से लेकर गुरुनानक तक का राहुल ने किया जिक्र
राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत सभी धर्मों में दी जाने वाली शिक्षाओं से की. उन्होंने बताया कि किस तरह से हर धर्म में अभय मुद्रा का जिक्र है, जो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को दर्शाता है. नेता प्रतिपक्ष राहुल पूरी तैयारी के साथ लोकसभा में आए थे. अपने भाषण के दौरान राहुल ने भगवान से लेकर इस्लाम और गुरुनानक तक का जिक्र किया. सदन में भगवान शंकर की तस्वीर लहराई, लेकिन हिंदू और हिंसा की बात को जोड़कर राहुल सत्तापक्ष की नजर में चढ़ गए.
राहुल ने क्या कहा था, जिस पर सदन में हंगामा मचा?
नेता प्रतिपक्ष राहुल ने कहा कि खुद को हिंदू कहने वाले लोग 24 घंटे हिंसा और नफरत करते हैं. आप हिंदू हो ही नहीं. राहुल के इस बयान को लेकर सदन में जबरदस्त तरीके से हंगामा मच गया. सत्ता पक्ष के सांसद खड़े होकर हल्ला मचाने लगे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी खड़े हुए और उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर विषय है. इस पर राहुल ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं. आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं हैं.
नेता प्रतिपक्ष के बयान पर पीएम-गृह मंत्री ने जताई आपत्ति
राहुल के बयान पर भले ही बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया. मगर भारी शोरगुल और हंगामे के बीच राहुल एक छोर से डटे रहे तो वहीं बीजेपी भी राहुल के आरोपों का एक एक कर जवाब देती रही. पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है. अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को अभय की बात करने का कोई हक नहीं है. इन्होंने इमरजेंसी के दौरान पूरे देश को भयभीत करा. इनको सदन में माफी मांगनी चाहिए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान कहता है कि कोई भी व्यक्ति किसी धर्म को जोड़कर हिंसावादी नहीं कह सकता है. ये देश संविधान से चलता है. इनको माफी मांगनी चाहिए. ये संविधान की बात करते हैं.
अग्निवीर पर राहुल बनाम रक्षा मंत्री
कांग्रेस सांसद ने बीजेपी पर अल्पसंख्यकों को डराने और धमकाने का भी आरोप लगाया. वहीं अमित शाह ने एक बार फिर खड़े होकर राहुल के बयान का खंडन किया. राहुल ने अग्निवीर स्कीम पर भी सत्ता पक्ष को जमकर सुनाया. और इसे यूज एंड थ्रो वाली योजना बताया. राहुल ने कहा कि अग्निवीरों को आज शहीद तक का दर्जा नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वह पंजाब के एक शहीद हुए अग्निवीर जवान के परिवार से मिले. राहुल ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार बनी तो अग्निवीर को खत्म कर दिया जाएगा.
राहुल के आरोपों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उठ खड़े हुए और कहा कि राहुल संसद में भ्रम फैला रहे हैं. राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निवीर योजना को बहुत सोच-समझकर लाया गया है. इस पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है. रक्षा मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि अग्निवीर योजना को वापस लेने की सरकार की कोई मंशा नहीं है.
एमएसपी और मणिपुर मुद्दे का भी हुआ जिक्र
नेता प्रतिपक्ष ने पेपर लीक से लेकर किसान, एमएसपी, ईडी की कार्रवाई और मणिपुर मुद्दे पर बोलते रहे. उन्होंने दावा ये भी किया कि इस बार बीजेपी गुजरात की सीटों पर हार रही है. राहुल ने कहा कि नीट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सिर्फ अमीरों के बच्चों को डॉक्टर बनने का मौका मिले. उन्होंने जब एमएसपी और किसान आंदोलन का जिक्र किया तो कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान उठ खड़े हुए. उन्होंने कहा कि किसानों से एमएसपी पर खरीद होती है.
पीएम मोदी आज दे सकते हैं जवाब
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम राष्ट्रपति के अभिभाषण से संबंधित धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं. लोकसभा में 16 घंटे की चर्चा सोमवार सुबह शुरू हुई जो रात जारी रही. चर्चा मंगलवार शाम को समाप्त होने की संभावना है, जिसके बाद पीएम मोदी जवाब देंगे. इसका सत्ता पक्ष के सांसदों को भी बेसब्री से इंतजार है. माना जा रहा है कि पीएम राहुल के आरोपों पर भी जवाब देने वाले हैं.
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