भोपाल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं की जुबान भी तीखी हो गई है. नेता कांग्रेस के हों या बीजेपी के....दोनों ही एक दूसरे पर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं. ताज़ा मामला मुरैना का है, जहां कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जनरल डायर कह दिया. इससे तमतमाई बीजेपी ने भी कांग्रेस पर करारा पलटवार किया है. इस दौरान कांग्रेस की तरह बीजेपी ने भी शब्दों का ख्याल नहीं रखा.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मुरैना में एक सभा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह अंग्रेज हुकूमत के समय जनरल डायर ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलवाई थी, उसी तरह प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने भी मंदसौर में किसानों पर गोलियां चलवाई. बाबरिया ने कहा कि सीएम चौहान मध्य प्रदेश के जनरल डायर हैं.

यह पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस के किसी नेता का सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ऐसा विवादास्पद बयान सामने आया है. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के रीवा जिले के गुढ़ से विधायक सुंदरलाल तिवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वैश्या कहकर सूबे की राजनीति में हंगामा खड़ा कर दिया था.
उधर, शिवराज सिंह चौहान को जनरल डायर कहे जाने से नाराज बीजेपी ने भी कांग्रेस को उसी की भाषा में जवाब दिया है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस इटली के इशारे पर काम कर रही है. सूबे के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, 'कोई वैश्या बोल रहा है, तो कोई जनरल डायर बोल रहा है. ये एमपी की राजनीति की परिपाटी नहीं है. एनी बेसेंट द्वारा बनाई गई कांग्रेस आज पप्पू गांधी, सोनिया पोप और इटली के इशारे पर इस देश की राजनीति को बिगाड़ने का काम कर रही है.

वहीं, मामले में जब सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'कांग्रेस केवल गाली देने का काम कर रही है. ये उनके संस्कार है, तो मैं क्या कहूं. कांग्रेस के नेता मुझे कभी जनरल डायर कहते हैं, कभी वैश्या कहते हैं और कभी नालायक कहते हैं. अब सूबे की जनता ही इसका फैसला करेगी.'

हालांकि कांग्रेस अपने नेता दीपक बाबरिया के इस बयान का समर्थन कर रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस तरह से जनरल डायर ने बेगुनाह लोगों को गोलियों से भूना था, आज वही मध्य प्रदेश में भी हो रहा है. किसान अपनी फसल का मूल्य मांगने के लिए सामने आए, तो उन्हें भून दिया गया. बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में देखना यह होगा कि नेताओं के ये बयान आगे क्या असर दिखाते हैं?
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