नई दिल्ली I हरिद्वार से राष्ट्रीय राजधानी के लिए मार्च कर रहे भारतीय किसान यूनियन के हज़ारों कार्यकर्ताओं के मंगलवार को दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सोमवार को पूर्वी दिल्ली में एक हफ्ते के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी. ये किसान पूरा कर्ज माफ करने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, बिजली की बढ़ी दरें वापस लेने और 10 साल पुराने डीजल के वाहनों पर पाबंदी जैसे फरमान वापस लेने की मांगों के समर्थन में निकाली जा रही है.
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया जो आठ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा. इस आदेश के तहत प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर पुलिस थानाक्षेत्र आते हैं.
उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) अतुल कुमार ठाकुर की तरफ से जारी की गई और यह चार अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी.
वहीं दिल्ली पुलिस उत्तर प्रदेश पुलिस के भी संपर्क में है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस से कोई इजाजत नहीं मांगी है.'
ये आदेश पांच या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह एकत्र होने और सभा करने को प्रतिबंधित करता है. इसके अलावा एम्प्लीफायर, लाउडस्पीकर और ऐसे दूसरे उपकरणों का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित रहता है.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ हरिद्वार से नई दिल्ली के किसान घाट तक किसान क्रांति यात्रा पर हैं. यह मार्च पतंजलि (उत्तराखंड) से मुजफ्फरनगर, दौराला, परतापुर, मोदीनगर/मुरादनगर, हिंडन घाट होते हुए किसान घाट (दिल्ली) तक आयोजित किया जा रहा है. 23 सितंबर को शुरू हुआ यह मार्च दो अक्टूबर को संपन्न होगा.
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